गौतमबुद्ध नगर की दादरी और बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसीलों के 80 गांवों में नया नोएडा बसाया जाएगा। अब अथॉरिटी ने इस क्षेत्र का विकास करने के लिए न्यू नोएडा का मास्टरप्लान बनाने की कवायद शुरू हो गई है। नोएडा अथॉरिटी इस क्षेत्र के लिए मास्टरप्लान-2031 बनवाने जा रही है। यह काम अथॉरिटी देश की किसी एजेंसी से करवाएगी। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
अथॉरिटी जिस एजेंसी को सर्वे करने के लिए चुनेगी, वह अनुमान लगाएगी कि अगले 10 साल में न्यू नोएडा कैसा होगा? जमीन का लैंड यूज क्या होगा? अवस्थापना सुविधाओं का खाका मास्टरप्लान में खींचा जाएगा। माना जा रहा है कि इसी महीने अथॉरिटी मास्टरप्लान के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया पूरी कर लेगी। मास्टरप्लान के बाद अथॉरिटी न्यू नोएडा को विकसित करने की योजना लागू करेगी। इसके लिए नोएडा अथॉरिटी की मुख्य कार्यपालक अधिकारी से लेकर प्लानिंग, लैंड और फाइनेंस डिपार्टमेंट काम कर रहे हैं।
इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाई जाएगी
फिलहाल प्राधिकरण ने यह तय किया है कि इस एरिया में इंडस्ट्री और निवेश बढ़ाने की योजना पर काम तेजी से किया जाएगा। इसका नाम दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर का इन्वेस्टमेंट रीजन है। आगे इस एरिया का विकास तेजी से करने की योजना है। इसके लिए अथॉरिटी निजी विकासकर्ताओं को भी आमंत्रित करेगी। साथ ही इंडस्ट्रियल टाउनशिप अलग-अलग बसाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
फूड प्रोसेसिंग और आईटी से विशेष उम्मीद
न्यू नोएडा में फूड प्रोसेसिंग और आईटी सेक्टर के लिए विशेष उम्मीद हैं। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में यहां लगने वाली इंडस्ट्रियों को दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से सपोर्ट मिलेगा। वहीं, शहर के आउटर पर न्यू डिवेलपिंग एरिया होने की वजह से आईटी सेक्टर की ज्यादा संभावनाएं हैं।
इन 80 गांवों का विकास अलग मॉडल पर होगा। बाकी शहरों के मॉडल पर इसका विकास नहीं किया जाएगा। यहां अलग-अलग जोन विकसित किए जाएंगे। इंडस्ट्रियल यूनिट, एसईजेड, इंडस्ट्रियल एस्टेट्स, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी, आईटीएस और बायोटेक जोन, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, नॉलेज हब, लॉजिस्टिक हब, इंटिग्रेटेड टाउनशिप का विकास किया जाएगा।