हॉस्टल्स और पीजी में रहने वाले मेंबर एक्टिव

ग्रेटर नोएडा में जिगोलो के नाम पर युवाओं के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़ : हॉस्टल्स और पीजी में रहने वाले मेंबर एक्टिव

हॉस्टल्स और पीजी में रहने वाले मेंबर एक्टिव

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida : नोएडा के बाद अब ग्रेटर नोएडा में भी महिलाओं से दोस्ती करवाने के नाम पर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। युवा लड़कों को जिगोलो के नाम पर ठग, नए तरीके से ठगी कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा में जिगोलो बनाने का मामला सामने आया है। पुलिस को हाई प्रोफाइल महिलाओं से संपर्क कर उनसे पैसा कमाने का झांसा देने वाली एक वेबसाइट एक्टिव मिली है। इस तरह की ऐप और वेबसाइट चलाने वालों पर कार्रवाई के लिए आईटी सेल को निर्देश दिए गए हैं।

फ्रेंडशिप क्लब का मेंबर
पुलिस को जो वेबसाइट मिली है, उसमें अधिकतर ग्रेटर नोएडा के युवक जिगोलो में फ्रेंडशिप क्लब का मेंबर बन रहे हैं। अधिकतर मेंबर पीजी और हॉस्टल्स के हैं। वेबसाइट में दावा किया गया है कि ग्रेटर नोएडा के सैकड़ों की संख्या में लोग वेबसाइट से जुड़े हुए हैं। वेबसाइट ओपन करते ही एक फॉर्म भरवाया जा रहा है। वही, नोएडा में हाल में दो भाइयों को जिगोलो के नाम पर ठगी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। जिसके बाद ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इस मामले में भी जांच शुरू कर दी है।

नोएडा पुलिस ने दो ठगों को पकड़ा
आपको बता दें, हाल में नोएडा में कोतवाली सेक्टर-58 ने फर्जी तरीके से महिलाओं से दोस्ती करवाने के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपित सोशल मीडिया पर पेज बनाकर हाई प्रोफाइल महिलाओं से मीटिंग कराने का झांसा देकर अब तक सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं। इस नौकरी में महिलाओं से दोस्ती करवाने की बात होती थी। अगर डील कंफर्म हो जाती थी तो इनमें से एक आरोपित लड़की की आवाज में बात करके पीड़ित को अपने बात में फसा लेता था। यह लोगों से मेंबर बनने के लिए पैसे लेते थे।

इन पेजों का करते थे इस्तेमाल
फ्रेंडशिप क्लब नाम से बहुत सारे फेसबुक, इस्टाग्राम पर पार्ट टाईम जाब, राधिका फ्रेडसक्लब, ड्रीम फ्रेंडशिप क्लब, साथिया फ्रेंडशिप क्लब आदि नामों से पेज बना रखे हैं। इन्हीं नामों से वेबसाईट बनाई हुई है। इन पेजों पर इनके द्वारा देश के अलग-अलग शहरों की महिलाओं से मीटिंग करा कर पैसा कमाने का झांसा देते थे। बदले में मेंबर बनने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस, मीटिंग फीस और अन्य फीस के नाम पर पैसे ले लेते थे।

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