Tricity Today | जीएल बजाज कॉलेज में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह
Greater Noida : पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा, "आप सभी एक युवा सोंच है। आप देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। साइबर क्राइम इस समय का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। जिसको खत्म करने के लिए नोएडा पुलिस लगातार कार्य कर रही है। साइबर क्राइम को रोकने के लिए नोएडा में एक अलग से टीम तैयार की गई है। जिसमें इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया है।" यह बात पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने ग्रेटर नोएडा में स्थित जीएल बजाज कॉलेज में कहीं। दरअसल, जीएल बजाज कॉलेज में शिक्षा मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा आयोजित दो दिवसीय साइबर सुरक्षा हैकाथॉन "कवच" 2023 के सॉफ्टवेर संस्करण का भव्य शुभारम्भ हुआ। जिसमें मुख्य अथिति के रूप में गौतमबुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह मौजूद रहीं।
"कवच" आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने का "अनोखा हैकाथॉन"
जीएलबीआईटीएम के निदेशक डॉ.मानस कुमार मिश्रा ने सभी टीमों को प्रतियोगिता के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हार जीत मायने नहीं रखती है। आप सभी अच्छा करें और बेस्ट टीम बनकर उभरे। नोडल सेंटर हेड डॉ.निखिल कांत ने बताया कि "कवच" आधुनिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकी समाधानों की पहचान करने वाला नॉन-स्टॉप साइबर सुरक्षा से जुड़ा एक अनोखा हैकाथॉन है। इसकी कल्पना कृत्रिम बुद्धिमत्ता, गहन शिक्षण, मशीन लर्निंग, स्वचालन, डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग का उपयोग करके साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विचारों और रूपरेखा की संकल्पना करने वाले भारत के अभिनव दिमागों को परखने के लिए की गई है। शिक्षा मंत्रालय की इनोवेशन सेल, एआईसीटीई पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) (MHA) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) (MHA) एक साथ मिलकर कवच-2023 में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
क्या है जीएल बजाज कॉलेज का "हैकाथॉन"
आपको बता दें कि गृह एवं शिक्षा मंत्रालय इस प्रतियोगिता को पूरे देश में केवल 5 शिक्षण संस्थानों में आयोजित कर रहा है जिसमें से दिल्ली एनसीआर में जीएल बजाज कॉलेज को एक मात्र सॉफ्टवेयर संस्करण के लिए नोडल सेंटर चुना गया है। जहां पर देश के 7 राज्यों (महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर-प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक) की 22 टीमों में 150 छात्र भाग लेकर 21वीं सदी की सायबर सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए (साइबर अपराधों से सुरक्षा के लिए नागरिक सुरक्षा ऐप, फंड ट्रेल विश्लेषण उपकरण, ग्राउंड कार्मिक की निगरानी के लिए उपकरण, लोरा के उपयोग का पता लगाना) जैसे 4 प्रॉब्लम स्टेटमेंट पर लगातार 36 घंटे तक कार्य करेंगे। प्रतियोगिता की विजेता 4 टीमों को प्रशस्ति पत्र और एक-एक लाख रुपए पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे।
मुख्य रूप से यह लोग मौजूद रहे
इस दौरान नोडल टेक्निकल हेड संतोष कमाने, बीपीआरएंडडी डॉ.पीएस सिंह, शिक्षा मंत्रालय से मिस्टर हर्ष एंड सुजीत, दिल्ली पुलिस से राकेश देशवाल, डीन प्लानिंग डॉ.शशांक अवस्थी, डीएसडब्ल्यू प्रो. एमएस नरुका, कार्यक्रम समन्वयक डॉ.पुणेन्दु, आईटी प्रभारी डॉ.मधु गौड़, मंच प्रबंधक आरती खंडेलवाल और कार्यक्रम प्रभारी प्रो. नरेश ढुल आदि मौजूद रहे।