ग्रेटर नोएडा में किसान नेताओं को पुलिस ने घरों में नजरबंद किया, दिनभर की पहरेदारी

किसान आंदोलनः ग्रेटर नोएडा में किसान नेताओं को पुलिस ने घरों में नजरबंद किया, दिनभर की पहरेदारी

ग्रेटर नोएडा में किसान नेताओं को पुलिस ने घरों में नजरबंद किया, दिनभर की पहरेदारी

Tricity Today | शहर के किसान नेता दिन भर पुलिस की कड़ी निगरानी में रहे।

किसान एकता संघ के पदाधिकारियों ने दिल्ली जाने का ऐलान किया था, लेकिन गुरुवार की रात पुलिस ने उन्हें उनके घरों में नजर बंद कर दिया। संगठन के जिलाध्यक्ष कृष्ण नागर ने बताया कि किसान एकता संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता शुक्रवार को दिल्ली जाने वाले थे।लेकिन सरकार ने तुच्छ मानसिकता दिखाते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जतन प्रधान, राष्ट्रीय महासचिव बृजेश भाटी, जिला अध्यक्ष कृष्ण नागर, प्रदेश मीडिया प्रभारी आलोक नागर को गांव घरबरा में नजर बंद कर दिया।

कृष्ण नागर ने बताया कि पुलिस बल के साथ एसीपी थर्ड अब्दुल कादिर, एसीपी फर्स्ट ब्रजनंदन राय, ईकोटेक फर्स्ट कोतवाल रामेश्वर सिंह सहित पीएसी और कई थानों की पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष के घर को छावनी बना दिया। किसानों ने पुलिस के पहरे में पंचायत की। पंचायत में संगठन के राष्ट्रीय महासचिव बृजेश भाटी ने इस किसान विरोधी बिल के बारे में ग्रामवासियों और क्षेत्र के किसानों को अवगत कराया।

राष्ट्रीय महासचिव बृजेश भाटी ने कहा कि सरकार पुलिस के बल पर किसानों का मनोबल नहीं तोड़ सकती। संगठन के प्रदेश मीडिया प्रभारी आलोक नागर ने कहा कि जिस तरह से संगठन के वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद किया गया है यह अंग्रेजी शासन को दर्शाता है। जब तक बिल वापस नहीं होता जब तक संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर नेमवीर सरपंच, सुखबीर प्रधान, विजन सरपंच, जगत सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

दूसरी ओर किसान एकता संघ के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रबूपुरा में रोक दिया। इस पर सभी कार्यकर्ता दिल्ली जाने की मांग को लेकर पूरे दिन धरना-प्रदर्शन करते रहे। बाद में शाम को पुलिस के समझाने पर उन्होंने धरना समाप्त किया। संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष (महिला मोर्चा) ठाकुर गीता भाटी के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता सुबह पांच बजे जैसे ही दिल्ली जाने के लिए रबूपुरा स्थित उनके आवास पर एकत्रित हुए, पुलिस ने उन्हें वहीं रोक लिया। सभी से अपने-अपने घर लौट जाने की अपील की। इस पर सभी कार्यकर्ता प्रशासन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए वहीं धरने पर बैठ गए।

गीता भाटी ने प्रशासन से मांग की कि या तो उन्हें दिल्ली जाने दिया जाए या गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए। अपनी मांग को लेकर किसान पूरे दिन वहीं डटे रहे। पुलिस ने उन्हें वहां से जाने देने से साफ इनकार कर दिया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस-पीएसी मौजूद रहा। शाम करीब पांच बजे एडीसीपी विशाल पांडे और एसीपी शरद चंद्र शर्मा ने लोगों को धरना समाप्त करने के लिए राजी किया।

इस मौके पर संगठन के प्रदेश सचिव जगदीश शर्मा, जिला उपाध्यक्ष कृष्ण शर्मा, विनोद शर्मा, अशोक शर्मा, सुभाष शर्मा, लक्ष्मण, हेमचंद शर्मा, विकास शर्मा, सरोज देवी, कविता भाटी, ऋचा भाटी, दया देवी, धर्मवती भाटी, वीना, कल्लन, नेपाल, शैलेश कुमार, रफीक खान, योगेश शर्मा समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

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