Greater Noida : ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपोमार्ट सेंटर में मंगलवार की दोपहर भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (President Dropadi Murmu) ने सातवें इंडिया वाटर वीक का शुभारंभ किया है। इस दौरान राष्ट्रपति ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "भारतीय परंपराओं में जल संरक्षण प्रारंभिक रूप से देखा जा सकता है। हमारे देश में धार्मिक, सामाजिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारी जल स्रोतों का संरक्षण है। यह हमारा नैतिक दायित्व है कि आने वाली पीढ़ियों को समृद्ध और सुरक्षित जल स्रोत सौंपकर जाएं।"
राष्ट्रपति ने कुंभ में जल भरकर वाटर वीक का शुभारंभ किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंडिया एक्सपोमार्ट सेंटर पहुंचे। उनका स्वागत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी राष्ट्रपति से मिले। द्रौपदी मुर्मू ने कुंभ में जल भरकर वाटर वीक की शुरुआत की। राष्ट्रपति वायुसेना के हेलीकॉप्टर से ग्रेटर नोएडा इंडिया एक्सपोमार्ट सेंटर पहुंची। कार्यक्रम को योगी आदित्यनाथ और आनंदीबेन पटेल ने भी संबोधित किया है। यह कार्यक्रम ग्रेटर नोएडा में 5 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान देश और दुनिया भर से आए शोधकर्ता, उद्यमी, इंजीनियर और वैज्ञानिक जल संरक्षण, संवर्धन और जल स्रोतों के विकास पर चर्चा करेंगे।
पानी को रिसाइकल करके बार बार उपयोग करना होगा
राष्ट्रपति श्रीमति मुर्मू ने कहा, "जल का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। भारतीय सभ्यता में पानी को दैवीय रूप में जाना जाता है। हमारे देश में पूजा-पाठ का विधि-विधान जल पूजा से प्रारंभ होता है। नदियों, सरोवर और दूसरे जल स्रोतों के निकट हमारी सभ्यता विकसित हुई है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पानी के विशाल भंडार सूख रहे हैं। यह समस्या केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सामने आकर खड़ी हो चुकी है। दुनिया का एक बड़ा हिस्सा पीने के पानी के लिए परेशान है।" मुर्मू ने आगे कहा, "देश में जल संचयन को लेकर भारत सरकार द्वारा कई प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। इनमें पानी की रीसाइक्लिंग प्रोसेस का बहुत बड़ा रोल है। पानी को बर्बाद होने से रोकना बेहद जरूरी है। हमें पानी को रिसाइकल करके बार-बार अलग-अलग कामों में उपयोग करने की आदत डालनी होगी।"