अख़लाक़ हत्याकांड से चर्चा में रहे बिसहाड़ा गांव पहुंचे राजनाथ सिंह, राजपूतों को साधने की कोशिश

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा चुनाव : अख़लाक़ हत्याकांड से चर्चा में रहे बिसहाड़ा गांव पहुंचे राजनाथ सिंह, राजपूतों को साधने की कोशिश

अख़लाक़ हत्याकांड से चर्चा में रहे बिसहाड़ा गांव पहुंचे राजनाथ सिंह, राजपूतों को साधने की कोशिश

Tricity Today | बिसहाड़ा गांव पहुंचे राजनाथ सिंह

Greater Noida News : भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को ग्रेटर नोएडा के दादरी में स्थित बिसहाड़ा गांव पहुंचे। बिसहाड़ा गांव वही है, जो अख़लाक़ हत्याकांड की वजह से प्रसिद्ध हुआ। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र वेस्ट यूपी की महत्वपूर्ण सीट है। इसको लेकर सभी राजनीति क दलों की नजरें टिकी हुई हैं। इसी क्रम में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ.महेश शर्मा के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने के लिए बिसाहड़ा गांव पहुंचे।

ठाकुरों को साधने की कोशिश
बिसहाड़ा गांव अखलाक हत्याकांड की घटना को लेकर पिछले कुछ वर्षों में काफी चर्चा में रहा है। यह एक ऐतिहासिक ठाकुर बाहुल्य गांव है। राजनाथ सिंह के आगमन से यहां जनसभा स्थल पर उत्साह का माहौल देखा गया। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने जनता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को एक बार फिर मौका देने की अपील की। उन्होंने भाजपा की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों का जिक्र किया। साथ ही बीजेपी प्रत्याशी महेश शर्मा को भी जनता के विकास के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बताया।

आतंकवाद और नक्सलवाद हुआ खत्म 
राजनाथ सिंह ने दावा किया कि मोदी सरकार ने देश को आतंकवाद, नक्सलवाद और अपराध की समस्याओं से लड़ने में सफलता हासिल की है। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल भ्रष्टाचार और कुशासन का ट्रैक रिकॉर्ड बनाया है। इस दौरान भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। राजनीतिक गलियारों में इस जनसभा से महेश शर्मा को काफी बल मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। गौतमबुद्ध नगर सीट पर भाजपा और सपा के बीच की लड़ाई दिलचस्प होने वाली है।

अखलाक हत्याकांड में कब क्या हुआ
28 सितंबर 2015 की रात बिसाहड़ा गांव में भीड़ ने अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
24 दिसंबर 2015 को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने हत्याकांड के 15 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।
31 जुलाई 2017 को इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी विशाल राणा को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी।
15 अक्टूबर 2017 को स्थानीय विधायक की मदद से हत्याकांड के 15 आरोपी युवकों को एनटीपीसी में नौकरी दी गई।
12 फरवरी 2021 को जिला न्यायालय ने सभी 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए।
14 जून 2022 को चश्मदीद गवाह और तहरीर की लेखक शाहिस्ता ने अदालत में बयान दर्ज करवाया। शाहिस्ता अखलाक की बेटी है।

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