Greater Noida : पिछले कुछ दिनों में चीन के कई हिस्सों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। वहां कोरोना से मौत भी ज्यादा हो रही है। ऐसे में एक्सपर्ट की सलाह है कि अब अपने देश में समय आ गया है कि दोबारा से कोरोना को लेकर सावधानी बरती जाए। इसके बारे में बता रहे हैं फेलिक्स हॉस्पिटल की डॉ.रश्मि गुप्ता का कहना है कि कोरोना के नियमों का पालन शुरू कर देना चाहिए। अगर बाहर निकल रहे हैं तो मास्क लगाएं। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई तो...
डॉ.रश्मि गुप्ता का कहना है कि कोई विदेश से आ रहा है तो उससे 15 दिन बाद ही संपर्क करें। ऐसे लोग घरों में ही खुद को क्वारंटीन करें। जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, वे डॉक्टरी सलाह से लगवाएं। कोरोना में हल्की खांसी-जुकाम, बुखार और गले में खराश के लक्षण दिख रहे हैं। अगर सामान्य फ्लू जैसे लक्षण हैं और तीसरे दिन तेज सूखी खांसी हो रही है तो ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही ध्यान दें कि सांस लेने में तकलीफ तो नहीं है। अगर है तो इस लक्षण की अनदेखी नहीं करें। सांस लेने में तकलीफ का अर्थ फेफड़ों को नुकसान से है। इसलिए तत्काल अपने डॉक्टर को दिखाएं।
गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे को ज्यादा खतरा
रश्मि का कहना है कि जिनकी इम्युनिटी कमजोर है, खासकर गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और छोटे बच्चे विशेष सावधानी बरतें। कोई भी व्यक्ति खाली पेट घर से बाहर न निकलें। इससे इम्युनिटी घटती है। अन्य बीमारियों की आशंका रहती है। हेल्थी डाइट खासकर मौसमी फल-सब्जियां अधिक खाएं। पानी की कमी न होने दें। नियमित व्यायाम और सुबह की धूप में बैठने से भी इम्युनिटी अच्छी होती है। जिन्हें कोरोना की आशंका है वे छह मिनट तक तेज वॉक करें या फिर सीढ़ियां चढ़े और उतरें। इसके बाद अपना ऑक्सीजन का स्तर देखें। इसको पल्स ऑक्सीमीटर से देखा जा सकता है। यह स्कोर 96-97 से कम नहीं होना चाहिए। छह मिनट वॉक टेस्ट में कुछ लोगों का ऑक्सीजन का स्तर 95 तक हो सकता है। इनमें अधिक वजनी लोग, सीओपीडी के मरीज और जिन्हें खर्राटे की समस्या है। जिनका इससे कम आ रहा है वे डॉक्टर को दिखाएं। जरूरत अनुसार इलाज लें, परेशान न हों।
लोगों से अपील
उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि गर्भवती महिला अगर कोरोना संक्रमित हो जाती है, तो उसे प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। वे सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें और किसी भी व्यक्ति से ना मिले। घर में छोटे बच्चे हैं तो उनसे भी दूरी बनाकर रखें। डाक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें। काढ़ा और स्टीम भी लेते रहें। तनावमुक्त होकर उपचार कराएं। किसी महिला को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है तो ऐसे में उसे अपनी गर्भावस्था के दौरान सचेत रहने की बहुत जरूरत है। कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को हाइपरटेंशन की वजह से झटके आने लगते हैं । इसे प्री एक्लेमीशिया कहते हैं । ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो सकती है। इसका उपचार जरूरी है।
इन बातों का ख्याल रखें
- तनाव न लें।
- संतुलित आहार लें
- बुखार होने पर घबराएं नहीं
- डाइट में विटामिन शामिल करें
- हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें
- इम्युनिटी का विशेष खास ख्याल
- तेल और घी मसालेदार खाने से परहेज करें
- कोरोना के लक्षण है तो तुरन्त डाक्टर से संपर्क करें