रविन्द्र भाटी ने नरेंद्र भूषण को लिखा पत्र, बोले- सीईओ साहब! गांवों का बहुत बुरा हाल है

ग्रेटर नोएडा : रविन्द्र भाटी ने नरेंद्र भूषण को लिखा पत्र, बोले- सीईओ साहब! गांवों का बहुत बुरा हाल है

रविन्द्र भाटी ने नरेंद्र भूषण को लिखा पत्र, बोले- सीईओ साहब! गांवों का बहुत बुरा हाल है

Tricity Today | रविन्द्र भाटी और नरेंद्र भूषण

अखिल भारतीय गुर्जर परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आजाद समाज पार्टी के संस्थापक सदस्य रविंदर भाटी ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण को एक पत्र लिखा है। रविंद्र भाटी ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के गांवों में बुरे हालात की जानकारी सीईओ को दी है। उन्होंने लिखा, "ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लगभग सभी गांवों में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। संक्रमण के फैलने और उचित समय पर सही इलाज, ऑक्सीजन, बेड और वेंटिलेटर की कमी के कारण बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही हैं।"

रविंद्र भाटी ने आगे लिखा, "पिछले 11 दिन में अकेले जलालपुर में ही दो सगे भाइयों समेत 20 लोगों की जान जा चुकी हैं। छपरौला में 50 लोगों की मौत हो गई हैं। खैरपुर में 25, सादुल्लापुर में 16, तुस्याना में 7, दुजाना में 19 और कैलाशपुर में 4 ग्रामीणों की मौत हो गई हैं। लगभग सभी गांवों की यही स्थिति है। हजारों संक्रमित लोग अपने घर में होम आइसोलेशन में हैं।" रविंद्र भाटी ने अपने पत्र में सीओ नरेंद्र भूषण को कुछ सुझाव दिए हैं और हालात सुधारने के लिए कुछ मांगे रखी हैं।

सीईओ के सामने रखीं ये मांग
  1. ग्रेटर नोएडा वेस्ट में 500 बेड का अस्थायी कोविड अस्पताल अति शीघ्र शुरू किया जाए।
  2. जो लोग घर पर आइसोलेट हैं, उनको घर पर ही कोविड किट और ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएं।
  3. स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांवों में टेस्टिंग शुरू कराई जाए। 
  4. प्रदेश सरकार ने घोषणा की थी कि जिनको कोविड हॉस्पिटल में एडमिशन नहीं मिलेगा उनको प्राइवेट अस्पताल में फ्री इलाज किया जाए। अभी तक मुख्यमंत्री जी के आदेश का पालन एक भी प्राइवेट अस्पताल ने नहीं किया हैं।
  5. जो प्राइवेट हॉस्पिटल कोरोना पेशेंट्स मरीज से दो से चार लाख वसूल रहे हैं, उन पर कार्रवाई हो और कोरोना पेशेंट के लिए सामान्य राशि निर्धारित की जाए। 6. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार बिना कोविड-पॉजिटिव  वाले मरीजों को भी अस्पताल में एडमिट किया जाए और उनका उचित इलाज दिया जाए।
  6. कुछ मरीजों में आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आती हैं, पर कोरोना संक्रमण फेफड़े में रहता है। सीटी स्कैन से जिसका पता चलता है। उसको भी एडमिट करके इलाज किया जाए।
  7. करोना महामारी भी एक प्राकृतिक आपदा है। प्राकृतिक आपदा में 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। अत: कोरोना से हुई मृत्यु के परिवार वालों को चार लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।

 

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