तपती गर्मी में लाइनमैन का पूरा ख्याल रखती है एनपीसीएल, ग्लूकोन डी, ठंडे पानी, टी-शर्ट और कैप की खास व्यवस्था

बिजली की लाइफलाइन को राहत : तपती गर्मी में लाइनमैन का पूरा ख्याल रखती है एनपीसीएल, ग्लूकोन डी, ठंडे पानी, टी-शर्ट और कैप की खास व्यवस्था

तपती गर्मी में लाइनमैन का पूरा ख्याल रखती है एनपीसीएल, ग्लूकोन डी, ठंडे पानी, टी-शर्ट और कैप की खास व्यवस्था

Tricity Today | रुस्तम अली, अनिल पासवान और कमलाकांत बारीक

Greater Noida News : दिल्ली-एनसीआर में आसमान से आग बरस रही है, 48 डिग्री तापमान और चिलचिलाती धूप में जब हम गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए अपने घर और दफ्तरों में एसी या कूलर के बिना नहीं रह सकते, उस दौरान उबलते मौसम में कोई शख्स जान जोखिम में डालकर हमारे लिए सूरज की तपिश से लड़ते हुए ड्यूटी पर मौजूद रहता है। जी हां, हम उन लाइनमैन भाइयों की बात कर रहे हैं जो तपती गर्मी में भी जमीन से 27 फीट ऊपर बिजली के पोल पर चढ़ जाते हैं सिर्फ इसलिए ताकि हमें किसी तरह की परेशानी ना हो। हमारे लाइनमैन किन कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं उससे हम सभी वाकिफ हैं। आज हम आपको नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड के ऐसे तीन लाइनमैन की कहानी बता रहे हैं जिसे पढ़कर आप भी कह उठेंगे कि इनके लिए शाबासी तो बनती ही है।

लाइनमैन कमलाकांत बारीक
उड़ीसा के बालासोर जिले के रहनेवाले कमलाकांत बारीक वर्ष 1993 से एनपीसीएल के साथ जुड़े हैं। लोगों के घर में 24 घंटे बिजली बनी रहे, इसके लिए चिलचिलाती धूप हो या फिर बारिश और आंधी कमलाकांत अपने काम में डटे रहते हैं। कमलाकांत बताते हैं कि ड्यूटी के दौरान बिजली सप्लाई में बाधा आने पर उन्हें कभी-कभी लोगों के गुस्से का भी सामना करना पड़ता है, लेकिन वो अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटते।

लाइनमैन रुस्तम अली
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी से ताल्लुक रखनेवाले रुस्तम अली की भी कहानी कुछ ऐसी ही है। रोजाना सुबह 9 बजे वो अपनी गैंग के साथ ड्यूटी पर निकल जाते हैं। रुस्तम तपती गर्मी में पोल लगाने से लेकर फिटिंग और मैंटिनेंस का सारा काम करते हैं। ड्यूटी के दौरान कई बार रुस्तम को अलग-अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इस भीषण गर्मी में लोगों को किसी तरह की असुविधा ना हो इसके लिए वो अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ते। रुस्तम वर्ष 2006 से एनपीसीएल के साथ जुड़े हैं और उपभोक्ताओं की सेवा में लगे हैं।

लाइनमैन अनिल पासवान
बिहार के हाजीपुर के रहनेवाले अनिल पासवान की गिनती एनपीसीएल के कुशल लाइनमैनों में होती है। वर्ष 1997 से एनपीसीएल के साथ काम कर रहे अनिल पासवान अपनी ड्यूटी को अपना धर्म समझते हैं। भीषण गर्मी में जब हम और आप अपने घर और दफ्तर से बाहर नहीं निकलते उस दौरान अनिल पासवान फील्ड में काम कर रहे होते हैं ताकि लोगों को निर्बाध बिजली मिलती रहे।

"आगे भी आएगी लाइनमैन की कहानी"
एनपीसीएल के प्रवक्ता मनोज झा बताते हैं, “हमारे लाइनमैनों की सूची लंबी है, लेकिन हमने सोचा कि लोगों के सामने कुछ लाइनमैन की कहानी आनी चाहिए। उन्हें पता चलना चाहिए कि तपती गर्मी में पोल पर चढ़ना और तारों से जूझना कितना मुश्किल काम होता है। हमारे ये लाइनमैन हमारे लिए वो हीरो हैं जिनके बारे में कोई बात नहीं करता, हमें इनके कठिन परिश्रम के लिए इनकी सराहना करनी चाहिए।“

300 किलो ग्लूकोन-डी बांटा जा चुका
एनपीसीएल इस बात का पूरा ख्याल रखता है कि भीषण गर्मी और तपती धूप में किसी भी लाइनमैन को किसी तरह की दिक्कत ना आए। भीषण गर्मी को देखते हुए एनपीसीएल की ओर से सभी लाइनमैन, सुपरवाइजर और हेल्पर को ग्लूकोन डी के पैकेट बांटे जा रहे हैं। अबतक कंपनी की ओर से इन सभी को इस गर्मी में 300 किलो ग्लूकोन डी बांटा जा चुका है। इतना ही नहीं कंपनी की ओर से इन सभी के लिए साइट पर ठंडे पानी की बोतल भी वितरित की जा रही है। इसके अलावा फील्ड में काम करनेवाले सभी लाइनमैन, सुपरवाइजर और हेल्पर के बीच 750 टी-शर्ट और टोपी भी वितरित की गई है, ताकि उन्हें गर्मी में थोड़ी राहत मिले।

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