नरेंद्र भूषण को पूर्व सैनिक ने लिखी चिट्ठी, बताया- पिता का इलाज करवाने के लिए क्या सहना पड़ा, सीईओ के जवाब का इंतजार

बड़ी खबरः नरेंद्र भूषण को पूर्व सैनिक ने लिखी चिट्ठी, बताया- पिता का इलाज करवाने के लिए क्या सहना पड़ा, सीईओ के जवाब का इंतजार

नरेंद्र भूषण को पूर्व सैनिक ने लिखी चिट्ठी, बताया- पिता का इलाज करवाने के लिए क्या सहना पड़ा, सीईओ के जवाब का इंतजार

Tricity Today | CEO Narendra Bhushan IAS

कोरोना के इस काल में गौतमबुद्ध नगर के अस्पतालों से अनियमितताओं की तमाम शिकायतें आ रही हैं। अब दादरी क्षेत्र के कैमराला गांव के रहने वाले पूर्व सैनिक सतेंद्र भाटी ने गौतमबुद्ध नगर के कोविड अधिकारी नरेंद्र भूषण को एक मार्मिक चिट्ठी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि पहले उनके कोरोना संक्रमित पिता को इलाज के लिए 5 दिन तक अस्पताल नहीं मिला। बाद में हॉस्पिटल में बेड मिला, तो उनके साथ ज्यादती की गई। ग्रेटर नोएडा के डेल्टा-2 में स्थित शर्मा हॉस्पिटल ने मजबूरी को अनदेखा करते हुए उनके पिताजी के इलाज के लिए पूरी रकम ली। जबकि उनके निःशुल्क का कार्ड उपलब्ध है। पूर्व सैनिक ने कोविड नोडल अधिकारी और ग्रेटर नोएडा के सीईओ नरेंद्र भूषण से हस्तक्षेप की मांग करते हुए शर्मा अस्पताल से उनके भुगतान किए हुए रकम को लौटाने की मांग की है।

5 दिन तक नहीं मिला अस्पताल
अपनी चिट्ठी में सतेंद्र भाटी ने लिखा है, “मैं पूर्व सैनिक सतेंद्र भाटी, गांव कैमराला, दादरी गौतमबुद्ध नगर का निवासी हूं। मेरे पिता राजेन्द्र सिंह 26 अप्रैल 2021 से कोविड से पीड़ित थे। उनको लेकर मैं सभी अस्पतालों में भटकता रहा। लेकिन उन्हें 1 मई 2021 तक किसी भी अस्पताल में बेड़ नही मिल पाया। उनका ऑक्सीजन स्तर लगातार घट रहा था। 1 मई 2021 को रात 8 बजे एक रिश्तेदार ने शर्मा हॉस्पिटल में बेड़ होने की बात बताई। मैं तुरंत पिताजी को वहां लेकर पहुंचा।” लेकिन वह उन पांच दिनों के संघर्ष को याद कर भावुक हो जाते हैं। उनका कहना है कि यूपी के सबसे विकसित जिले में पूर्व सैनिक के पिता को इलाज के लिए अस्पताल नहीं मिला। वह गौतमबुद्ध नगर के अस्पतालों के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनके पिता को किसी हॉस्पिटल ने भर्ती नहीं किया। 

हॉस्पिटल ने आर्मी कार्ड पर इलाज से किया इनकार
उन्होंने आगे लिखा है, “मेरे पिताजी का आर्मी ईसीएचएस के द्वारा इलाज फ्री है। मेरे पास सारे जरूरी कागजात उपलब्ध होने के बावजूद शर्मा अस्पताल ने पैनल का लाभ देने से मना कर दिया। मुझे तुरंत 50,000 रुपये जमा करने को कहा। खैर मैने इधर-उधर से इंतजाम करके तुरंत पैसे जमा किए। क्योंकि उस वक़्त मेरे पिता की हालत बहुत खराब थी और मेरे पास कोई रास्ता भी शेष नही बचा था। फिर मैंने अगले दिन भी अपने पिता का इलाज पैनल के माध्यम से करने की गुहार लगाई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई सुनवाई नही हुई। दिनांक 7 मई 2021 को मेरे पिता डिस्चार्ज हुए। टोटल 1,20,000 रुपये मैने हॉस्पिटल को पेमेंट किया। बाद में अस्पताल ने 5,000 रुपये रिफंड किए। 

रुपये वापस दिलाने की मांग
सतेंद्र भाटी ने लिखा है, “मेरे घर मे 11 सदस्य हैं। मेरे घर की आजीविका का साधन एकमात्र मेरी पेंशन है और मैने अस्पताल की फीस का पैसा कर्ज लेकर चुकाया है। आपसे अनुरोध है कि आप हॉस्पिटल को आदेशित करें। मेरे पिता के इलाज का पैसा आर्मी से क्लेम करें। जो मैंने जमा किया है, उसे रिफंड कराने की कृपा करें। ताकि मैं कर्ज के बोझ से बच सकूं और परिवार का ख्याल शांतिपूर्ण रख सकूं। आपके इस कृपा से सदा आभारी रहूंगा।”

नोडल अधिकारी के जवाब का इंतजार
इस चिट्ठी पर कोविड नोडल अधिकारी नरेंद्र भूषण की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। पूर्व सैनिक सतेंद्र सिंह ग्रेटर नोएडा के सीईओ के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनके लिए यह रकम बहुत बड़ी है। परिवार के भरण-पोषण की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। इसलिए कोविड अधिकारी के सकारात्म जवाब का इंतजार है। फिलहाल खबर लिखे जाने तक सीईओ नरेंद्र भूषण की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है।
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