जिला प्रशासन के लिए अमीर और घर खरीदारों के लिए गरीब हैं आरके अरोड़ा, अफसरों से कहा- कुछ तो शर्म करो

Supertech Builder vs Ecovillage-1 Buyers : जिला प्रशासन के लिए अमीर और घर खरीदारों के लिए गरीब हैं आरके अरोड़ा, अफसरों से कहा- कुछ तो शर्म करो

जिला प्रशासन के लिए अमीर और घर खरीदारों के लिए गरीब हैं आरके अरोड़ा, अफसरों से कहा- कुछ तो शर्म करो

Tricity Today | Supertech Ecovillage-1 Housing Society

Greater Noida News : सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा को जिला प्रशासन ने 2 दिनों पहले हिरासत में लिया था। जिसके बाद गिरफ्तारी के डर से आरके अरोड़ा ने जिला प्रशासन को 2 करोड़ रुपए और घर खरीदारों के लिए 5 करोड़ रुपए दिए थे। उसके बाद जिला प्रशासन ने आरके अरोड़ा को 15 जून तक 19 करोड़ रुपए के भुगतान करने की शर्त पर छोड़ा था। अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। 

18 दिनों से सड़क पर बैठे निवासी
पिछले काफी दिनों से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सुपरटेक इकोविलेज-1 के निवासी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर बैठे हैं, लेकिन उनकी तरफ कोई ध्यान देने वाला नहीं है। अब निवासियों का सवाल है कि जब जिला प्रशासन की बात आई तो गिरफ्तार करके पैसा वसूल कर लिया गया, लेकिन हम घर खरीदार कहां जाएं? हमारी समस्याओं का समाधान क्यों नहीं करवाया जा रहा है? अगर जिला प्रशासन पैसे वसूलने के लिए आरके अरोड़ा को गिरफ्तार करवा सकता है तो घर खरीदारों के लिए समस्याओं का समाधान क्यों नहीं करवा सकता?

अधिकारी-जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ रखकर बैठे
सुपरटेक इको विलेज-1 में रहने वाली रंजना का कहना है, "सोसाइटी के निवासी पिछले 18 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सोसाइटी के मेन गेट पर बैठे हैं। इस दौरान निवासियों के साथ बदतमीजी की हैं। उसके बावजूद भी हमारी समस्याओं पर कोई काम करने के लिए तैयार नहीं है। सोसाइटी में मुख्य समस्या कार पार्किंग और एसटीपी की है। प्राधिकरण और एनजीटी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। उसके बावजूद भी कोई ध्यान देने वाला नहीं है। ऐसे में निवासी अब निराश नजर आ रही है। सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधि हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं।"

निवासियों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों : मनीष कुमार
सोसाइटी के निवासी मनीष कुमार का कहना है, "जब जिला प्रशासन को पैसा वसूलना था तो आरके अरोड़ा को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जब घर खरीदार पिछले 18 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर बैठे हुए हैं तो कोई ध्यान देने वाला नहीं है। निवासियों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों किया जा रहा है? इसे साफतौर पर पता चलता है कि जिला प्रशासन एक्शन ले सकता है, लेकिन वह लेना नहीं चाहता है।" मनीष ने आगे कहा, "इसका मतलब साफ है कि जिला प्रशासन के लिए अपना पैसा तो पैसा है। लेकिन घर खरीदारों का पैसा पानी है। इसी वजह से एक्शन नहीं ले रहे हैं।

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