17 हजार लोगों से 150 करोड़ ठगने वाले से क्या रिश्ता, सीबीआई जांच की मांग

गौतमबुद्ध नगर के सांसद से सपा ने पूछा : 17 हजार लोगों से 150 करोड़ ठगने वाले से क्या रिश्ता, सीबीआई जांच की मांग

17 हजार लोगों से 150 करोड़ ठगने वाले से क्या रिश्ता, सीबीआई जांच की मांग

Tricity Today | सांसद डॉ.महेश शर्मा और अनिल सेन

  • - 'गो वे' कंपनी बनाने वाले अनिल और मीनू सेन से जुड़ा है मामला
  • - इन दोनों ने 17 हजार लोगों से करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए की ठगी की
  • - अनिल और सांसद डॉ.महेश शर्मा के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए
  • - सपा के उपाध्यक्ष श्याम सिंह भाटी ने सीबीआई जांच की मांग की
Noida News : दिल्ली-एनसीआर के 17,000 लोगों से करीब 150 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले अनिल सेन और मीनू सेन को लेकर नया बवाल खड़ा हो गया है। इस दंपति ने बाइक बोट घोटाले की तरह मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी को 'गो वे' खोली थी। जिसके जरिए बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। अब अनिल और गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा के कई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इतना ही नहीं अनिल गौतमबुद्ध नगर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का कोषाध्यक्ष भी रहा है। इस मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी ने सांसद डॉ.महेश शर्मा पर करारा हमला किया है। समाजवादी पार्टी का कहना है, "सांसद यह साफ करें कि उनका और अनिल का क्या रिश्ता रहा है? इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।"

समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष श्याम सिंह भाटी ने कहा, "करीब 2 साल पहले बाइक बोट घोटाले के साथ-साथ 'गो वे' कंपनी का घोटाला भी खुला था। यह कंपनी भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के तत्कालीन कोषाध्यक्ष अनिल सेन और उनकी पत्नी मीनू सेन चला रहे थे। इन लोगों ने दिल्ली-एनसीआर के करीब 17,000 लोगों से 150 करोड रुपए की ठगी की है। दो साल तक गौतमबुद्ध नगर पुलिस इस ठग दंपति को तलाश करती रही, लेकिन इनका कोई पता नहीं चल सका। अब अचानक इन दोनों की गिरफ्तारी की गई है। यह पूरी तरह नाटकीय घटनाक्रम है।"

एडवोकेट श्याम सिंह भाटी ने आगे कहा, "सोशल मीडिया पर गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ.महेश शर्मा और अनिल के फोटो वायरल हो रहे हैं। इन फोटो में सांसद और अनिल को एक-दूसरे के गले मिलते देखा जा सकता है। फोटो देखकर साफ जाहिर होता है कि सांसद और अनिल के बेहद घनिष्ठ रिश्ते रहे हैं। सवाल यह उठता है कि जब सांसद के नजदीक रहने वाले लोग आम आदमी को इस तरह लूट रहे हैं तो कार्यवाही कैसे हो सकती है? यही वजह रही कि अनिल और मीनू सेन को 2 सालों तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई। दरअसल, इन्हें भारतीय जनता पार्टी के इन नेताओं का संरक्षण हासिल था। इतना ही नहीं अनिल भाजपा युवा मोर्चा का कोषाध्यक्ष था।"

श्याम सिंह भाटी ने आरोप लगाया कि एक और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशासन हितैषी, भ्रष्टाचार विरोधी और अच्छी कानून व्यवस्था की बात करते हैं, दूसरी ओर आम आदमी की गाढ़ी कमाई को ठगने वालों को संरक्षण दे रहे हैं। इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। श्याम सिंह भाटी ने यह भी आरोप लगाया, "मुझे पूरा भरोसा है अनिल और मीनू सेन ने जो 150 करोड़ रुपए आम आदमी से ठगे हैं, वह इनके आकाओं के पास ही मिलेंगे। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संज्ञान लेना चाहिए। सांसद डॉ.महेश शर्मा और भारतीय जनता पार्टी के दूसरे नेताओं की भूमिका की सीबीआई जांच की जानी चाहिए।"

दूसरी ओर इस पूरे मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी चुप्पी साधे हुए है। इस मामले को लेकर सांसद डॉ.महेश शर्मा से बात करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। दूसरी ओर अनिल भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के निवर्तमान अध्यक्ष अनु पंडित की कार्यकारिणी में कोषाध्यक्ष रहने के मुद्दे पर अन्नू पंडित का कहना है, "अनिल पहले से पार्टी में सक्रिय था। जब उसकी गतिविधियों के बारे में पता चला तो तत्काल नोटिस दिया गया था। उसके जवाब से मैं संतुष्ट नहीं हुआ तो उसे कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया था। उसके स्थान पर अंकित अग्रवाल को भाजपा युवा मोर्चा का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया था। पुलिस पूरी तरह स्वतंत्र है। उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए। किसी भी स्तर पर कोई भी जांच करवाई जा सकती है।"

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