अस्पतालों में लुटेरे पकड़ने के बाद लूट का 10-15 प्रतिशत माल वापस दिलवाते हैं अधिकारी

सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कहा- अस्पतालों में लुटेरे पकड़ने के बाद लूट का 10-15 प्रतिशत माल वापस दिलवाते हैं अधिकारी

अस्पतालों में लुटेरे पकड़ने के बाद लूट का 10-15 प्रतिशत माल वापस दिलवाते हैं अधिकारी

Tricity Today | सपा प्रवक्ता राजकुमार भाटी

Greater Noida : कोरोना काल में नोएडा-ग्रेटर नोएडा के प्राइवेट अस्पतालों ने जमकर लूट मचाई है। शासन-प्रशासन इन अस्पतालों की मनमानी को नियंत्रित करने में विफल सिद्ध हुए हैं। शासन की मंशा भी अनियमितताओं को रोकने की नहीं लगती, इसलिए जांच और कार्रवाई के नाम पर केवल लीपापोती की जा रही है। समाजवादी पार्टी इस धांधली के खिलाफ आंदोलन का रास्ता अपनाएगी और जरूरत पड़ेगी तो न्यायालय भी जाएंगे। यह बात समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कही है।

राजकुमार भाटी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला -प्रशासन ने प्राइवेट अस्पतालों की अनियमितताओं की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। प्रशासन का कहना है कि उन्हें 15 अस्पतालों के खिलाफ कुल 51 शिकायतें मिली हैं। जिनमें से आधी शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है। किंतु यह केवल लीपापोती है और दोषी अस्पतालों को बचाने की योजना है। 

लुटेरे पकड़ने के बाद लूट का 10-15 प्रतिशत माल वापस दिलवाते है अधिकारी : राजकुमार भाटी
उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर किस तरह की लीपापोती की गई है, उसे आप कुछ उदाहरणों से समझ सकते हैं। यथार्थ अस्पताल में एक पेशेंट से साढ़े आठ लाख रूपये का बिल वसूला है। प्रशासन ने उससे एक लाख रूपये वापस करा दिए। प्रकाश अस्पताल में 5 दिन के लिए ढाई लाख रुपए एक मरीज से वसूले गए है। उससे 75000 रूपये वापस करा दिए गए हैं।एक एमआरआई सेंटर द्वारा वसूले 5500 रुपए में से 3000 रूपये वापस करा दिए गए। दोषी अस्पतालों के खिलाफ न तो कोई एफआईआर की गई है ना किसी का लाइसेंस निरस्त किया गया है। यह तो बिल्कुल ऐसा है कि लुटेरे पकड़े जाएं और उनसे लूट का 10-15 प्रतिशत माल  लेकर छोड़ दिया जाए। 

जिलाधिकारी और सीएमओ अस्पताल ही कर रहे है दोषी अस्पतालों का उद्घाटन
उन्होंने कहा कि एक और विसंगति यह देखिए कि जिस फेलिक्स अस्पताल को दोषी पाया गया था और उसके खिलाफ कई शिकायतें मिली थी, जिला प्रशासन ने उसी अस्पताल में वैक्सीनेशन सेंटर बनाया है। जिलाधिकारी और सीएमओ ने स्वयं जाकर उस सेंटर का उद्घाटन किया। उद्घाटन करते हुए उनकी फोटो आज तमाम लोकल अखबारों में छपी है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों की है। अगर वे ही दोषी अस्पतालों में जाकर फोटो खिंचवाएंगे तो आम आदमी को न्याय की क्या उम्मीद हो सकती है?

दोषी अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त किए जाएं
समाजवादी पार्टी की मांग है कि दोषी पाए गए अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। ग्रेटर नोएडा के शर्मा अस्पताल में एक भूतपूर्व फौजी सतेंद्र भाटी के पिता का इलाज उनके कार्ड पर ना करके उनसे नियम से अधिक धन नगद वसूला गया। किंतु इस अस्पताल के खिलाफ प्रशासन ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। प्रशासन को भूतपूर्व सैनिक का पूरा पैसा वापस दिलाना चाहिए और इस अस्पताल का लाइसेंस कैंसिल करना चाहिए।
 

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