बाइक बोट घोटाले में सपा प्रदेश सचिव दिनेश गुर्जर को मिली जमानत, ग्रेटर नोएडा में मिले थे आपत्तिजनक सबूत

बड़ी खबर : बाइक बोट घोटाले में सपा प्रदेश सचिव दिनेश गुर्जर को मिली जमानत, ग्रेटर नोएडा में मिले थे आपत्तिजनक सबूत

बाइक बोट घोटाले में सपा प्रदेश सचिव दिनेश गुर्जर को मिली जमानत, ग्रेटर नोएडा में मिले थे आपत्तिजनक सबूत

Tricity Today | दिनेश गुर्जर

Greater Noida News : बाइक बोट घोटाले (Bike Boat Scam) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। बाइक बोट घोटाले के आरोपी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के बड़े नेता दिनेश गुर्जर को जमानत मिल गई है। दिनेश गुर्जर को दो-दो लाख रुपए के जमानती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने जमानत दी।

कब हुई थी गिरफ्तारी
दरअसल, बीते जुलाई 2023 में परिवर्तन निदेशालय यानी कि ईडी ने बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव दिनेश कुमार उर्फ दिनेश गुर्जर को गिरफ्तार किया था। इससे पहले गुरुवार को उनके आवास पर परिवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की थी। बताया गया कि छापे के दौरान नोएडा में दिनेश गुर्जर के खिलाफ काफी अहम सबूत हाथ लगे थे, जिसके बाद उसी गिरफ्तारी हुई थी। अब उसको कोर्ट से जमानत मिल गई है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या कहा?
इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने की हैं। सुनवाई के दौरान याचिका पर संजय कुमार सिंह ने कहा, "याची का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उस पर लगे आरोप में सात साल की सजा हो सकती है। लिहाजा, याची को निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा किया जाए।" 

कोर्ट में हुई बहस
याची के अधिवक्ता ने कहा कि याची का बाइक बोट योजना से कोई लेना-देना नहीं है। प्राथमिकी में उसका नाम नहीं है। ईडी की शिकायत में भी उसका नाम नहीं था। याची को बाइक बोट योजना में ली गई रकम के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। जो रकम लेने का आरोप है, वह पूरी तरह से निराधार है। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए जमानत मंजूर कर ली और उसे रिहा करने का आदेश पारित किया।

दिनेश गुर्जर के घर से आपत्तिजनक सबूत मिले
आपको बता दें कि दिनेश गुर्जर के आवास और दफ्तर से आपत्तिजनक सबूत मिले थे। जिससे परिवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस बात का पता चला कि बाइक बोट घोटाले में दिनेश गुर्जर का बड़ा हाथ है। घोटाले की जांच एमपी-एमएलए कोर्ट में भी चल रही थी। सभी आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें मुख्य आरोपी संजय भाटी अभी जेल में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक परिवर्तन निदेशालय करीब 1665 करोड़ रुपए के बाइक मोटो बोर्ड घोटाले की जांच कर रही है।

कौन हैं दिनेश गुर्जर
दिनेश गुर्जर मूलरूप से बुलंदशहर ज़िले में गुलावठी क्षेत्र के निवासी हैं। वह लंबे अरसे से गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर की राजनीति में सक्रिय हैं। मुलायम सिंह यादव की तत्कालीन सरकारों में दिनेश गुर्जर का कद बेहद बड़ा होता था। उन्हें न केवल सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव बल्कि दूसरे बड़े नेता अमर सिंह का बेहद नज़दीकी माना जाता था। उनके साथ सरकारी सुरक्षाओं का बड़ा तामझाम चलता था। दिनेश गुर्जर की पत्नी बुलंदशहर जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। फ़िलवक़्त भी दिनेश गुर्जर का क़द समाजवादी पार्टी में अच्छा ख़ासा माना जाता है। वह अभी सपा के राष्ट्रीय सचिव हैं।

यह थी बाइक बोट स्कीम
साल 2010 में संजय भाटी ने कंपनी की शुरुआत की और 2018 में यह बाइक बोट स्कीम लॉन्च की थी। स्कीम के तहत बाइक टैक्सी शुरू की गई। इसके तहत एक व्यक्ति से एक मुश्त 62,100 रुपए का निवेश कराया गया था। उसके एवज में एक साल तक प्रतिमाह 9,765 रुपए देने का वादा किया गया था। निवेश करने वालों का आरोप है कि उन्हें पैसे नहीं दिए गए। बाद में संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मुकदमे दर्ज कराने शुरू किए थे। 

आरोपी संजय भाटी समेत 24 आरोपी जेल में
इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी संजय भाटी और बीएन तिवारी समेत कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था जिसमें दो आरोपी मोंटी भसीन और दिनेश पांडेय को जमानत मिल चुकी है और अब कुल 24 आरोपी गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद है। इस मामले में अभी मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल समेत 4 आरोपी अभी फरार हैं। जिनको अभी तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस अब तक दीप्ती बहल, लोकेन्द्र, भूदेव और बिजेंद्र हुड्डा को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। बिजेंद्र हुड्डा इस समय भारत से बाहर है। इसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हो चुका है।

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