- वकीलों ने दादरी तहसील में खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाया
- बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत तमाम वकील विरोध में उतर आए
- वोट बनाने के लिए दादरी से पूरा दफ्तर नोएडा में शिफ्ट कर दिया
- वकीलों ने कहा- आम आदमी अपने काम के लिए भटकते रहते हैं
Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर में दादरी तहसील के उप जिलाधिकारी के खिलाफ वकीलों ने जमकर बवाल काटा। सोमवार की सुबह तहसील खुलते ही वकीलों ने "एसडीएम दादरी चोर है", "एसडीएम को गिरफ्तार करो" और "एसडीएम दादरी मुर्दाबाद" जैसे नारे लगाए। ग्रेटर नोएडा की दादरी तहसील में काफी देर तक अधिवक्ताओं का जमकर हंगामा चला। वकीलों ने दादरी एसडीएम के खिलाफ मोर्चा खोला। वकीलों ने कहा, "दादरी के एसडीएम दफ्तर में नहीं बैठते हैं। कर्मचारी कार्यालयों में नहीं आते हैं। विरोध में अधिवक्ता धरने पर बैठ गए।
"दादरी में आम आदमी की सुनवाई नहीं"
दादरी तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजपाल नागर ने कहा, "दादरी तहसील के एसडीएम और तहसीलदार ने अराजकता का माहौल पैदा कर दिया है। दोनों अफसर अपने कार्यालय में नहीं बैठते हैं। जिसकी वजह से मातहत कर्मचारी भी दफ्तरों से नदारद रहते हैं। ऐसे में आम आदमी की समस्याएं सुलझाने वाला कोई नहीं है। रोजाना सैकड़ों ग्रामीण अपने कामकाज लेकर तहसील परिसर में इधर से उधर धक्के खाते घूमते रहते हैं। उनकी बात कोई सुनने वाला नहीं है। तहसील दिवस में आने वाली शिकायतों का निस्तारण नहीं किया जा रहा है। एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार की अदालतों में मुकदमों के ढेर लगे हुए हैं। न्यायिक कार्य में प्रगति शून्य है। जिससे मुकदमे लंबित पड़े हुए हैं।
"भ्रष्टाचार से तय हो रहे हैं मुकदमे"
प्रदर्शन में शामिल रहे एडवोकेट महिपाल सिंह भाटी ने कहा, "एसडीएम के संरक्षण में तहसील के तमाम अफसर और कर्मचारी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे हैं। आम आदमी के छोटे-छोटे काम पैसे दिए बिना नहीं होते हैं। खसरा, खतौनी और नक्शा की नकल लेने के लिए भी हजारों रुपए लोगों को खर्च करने पड़ते हैं। अगर कोई पैसा नहीं देता है तो उसे महीनों दफ्तरों के धक्के खिलाए जा रहे हैं। एसडीएम और तहसीलदार रात के अंधेरे में अदालतें लगा रहे हैं। भ्रष्टाचार के आधार पर मुकदमों में फैसले लिखे जाते हैं।" वकीलों का आरोप है कि एसडीएम आलोक कुमार गुप्ता और तहसीलदार विवेकानंद के कार्यालयों में महीनों से प्रशासनिक और न्यायिक आदेश लंबित पड़े हुए हैं। इन सारे मामलों की जांच होनी चाहिए। यह देखा जाना चाहिए कि आखिर महीनों-महीनों बाद भी आदेश क्यों नहीं होते हैं।"
दफ्तरों में नहीं थे कर्मचारी
एडवोकेट महेंद्र सिंह ने कहा, "सोमवार को सप्ताह का पहला दिन था। एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो रजिस्ट्रार और कार्यालयों के तमाम कर्मचारी नदारद थे। पूछने पर पता चला सभी कर्मचारी दफ्तर से कंप्यूटर उठाकर नोएडा में सेक्टर-19 चले गए हैं। पूरा तहसील कार्यालय नोएडा में इन लोगों ने शिफ्ट कर दिया है। पता चला कि वहां वोट बनाई जा रही हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर तहसील का पूरा स्टाफ केवल एक ही काम में दादरी से ले जाकर नोएडा में लगा दिया जाएगा तो इतनी बड़ी तहसील के लाखों लोगों के कामकाज कैसे होंगे? जब इस बारे में एसडीएम और तहसीलदार से बात करने का प्रयास किया गया तो दोनों अधिकारियों ने बात नहीं की।"
एसडीएम पर कार्रवाई की मांग
उन्होंने आगे कहा, "तहसील के सभी वकीलों ने एकमत होकर एसडीएम और तहसीलदार का विरोध किया है। हम लोगों ने एक ज्ञापन जिलाधिकारी, मंडलायुक्त और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है। दादरी तहसील में अनुशासन लागू करने की मांग की है। गैर जिम्मेदार, भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है।" प्रदर्शन करने वाले वकीलों में मुख्य रूप से एडवोकेट अनिल कुमार, एडवोकेट कृपाल सिंह नागर, महिपाल सिंह भाटी, राजकुमार सिंह और तेजपाल सिंह आदि मौजूद रहे।