- महासचिव आलोक नागर ने अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
- आरडब्लूए के बैंक खाते से 3 लाख रुपए नगद निकालने का आरोप लगाया
- महासचिव का आरोप, अलग-अलग बैंकों में फर्जी खाते खुलवाए गए
- अध्यक्ष ने लोगों को सूचना दिए बिना असंवैधानिक बैठक का आयोजन किया
- पिछले 3 वर्षों के दौरान कोषाध्यक्ष ने आय-व्यय का ब्यौरा पेश नहीं किया
- अध्यक्ष ने कहा- महासचिव के यह सारे आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं
- अजब सिंह भाटी बोले- आलोक नागर 2 साल पहले हुए बर्खास्त
Greater Noida : शहर के सेक्टर डेल्टा-टू की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्लूए) में घमासान का आलम है। आरडब्लूए में दो फाड़ हो गए है। अध्यक्ष और महासचिव आमने-सामने हैं। अध्यक्ष ने सोमवार को आरडब्ल्यूए की बैठक बुलाई है, जिसे महासचिव ने अवैधानिक करार दिया है। दूसरी तरफ अध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने बायलॉज के तहत बैठक का आयोजन किया है।
महासचिव ने कहा- बैठक की किसी को जानकारी नहीं दी
डेल्टा-टू आरडब्लूए के महासचिव आलोक नागर ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा, "रविवार को अध्यक्ष अजब सिंह भाटी ने आरडब्लूए की अवैधानिक बैठक का आयोजन किया है। जिसमें बायलॉज के नियमों को ताक पर रखते हुए सेक्टर के लोगों को भ्रमित करने का कार्य किया गया है। आनन-फानन में बैठक का आयोजन करके घनघोर अनियमितता की पराकाष्ठा पार की गई है। जिसका व्यक्तिगत तौर से बहिष्कार और विरोध करता हूं। मैं आरडब्ल्यूए का निर्वाचित महासचिव हूं। इस मीटिंग की सूचना मुझे और अन्य पदाधिकारीगण को नहीं दी गई। बायलॉज के अनुसार बैठक की सूचना कम से कम 3 दिन पूर्व दी जानी चाहिए। इस नियम का पालन नहीं किया गया। आरडब्ल्यूए की कार्यकारिणी को चुने हुए लगभग 3 वर्ष पूर्ण होने वाले हैं, लेकिन आय और व्यय के ब्यौरे का स्पष्टीकरण तक नहीं दिया गया है। जबकि अनेक बार मौखिक और पत्राचार के माध्यम से आय-व्यय की जानकारी मांगी की जा चुकी है। बायलॉज में आम सभा के सम्मुख वार्षिक आय-व्यय देने का प्रावधान है, जिसका पालन तक नहीं किया गया।"
आरडब्ल्यूए के खाते से 3 लाख रुपए निकाले, फर्जी खाते खुलवाएं
आलोक नागर ने आगे कहा, "आरडब्ल्यूए की आम सभा सार्वजनिक स्थल पर होनी चाहिए, लेकिन इन लोगों ने अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए बैठक अपने निजी आवास पर बुलाई, जो की गैर संवैधानिक है। अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष ने पूर्व नियोजित षड्यंत्र करके नियमों के इतर जाकर फर्जी तरीके से आरडब्लूए खाते से 3 लाख रुपए नगद निकाल लिए थे। जिसकी शिकायत करने पर खाते को सीज कर दिया गया था। किंतु इन दोनों लोगों ने अन्य बैंक प्रबंधक को गुमराह करते हुए अवैध बैंक खाता खुलवा लिया। इस तरीके से कई फर्जी खाते खुलवाए और फिर फ्रीज हुए हैं।" आलोक नागर ने आगे कहा, "अध्यक्ष अजब सिंह भाटी और कोषाध्यक्ष के क्रियाकलाप सेक्टर वासियों व संस्था को डुबाने वाले हैं। इन लोगों की कार्यशैली से ऐसा प्रतीत होता है कि निजी स्वार्थ की पूर्ति करने के लिए सार्वजनिक संस्था को अपनी व्यक्तिगत संस्था बनाया जा रहा है।
महासचिव ने आरडब्लूए सेक्टर की अलग से बैठक बुलाई
डेल्टा-टू आरडब्लूए के महासचिव आलोक नागर ने अध्यक्ष की ओर से बैठक बुलाए जाने की सूचना मिलने पर खुद भी आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों और सेक्टर निवासियों की बैठक बुलाई। आलोक नागर का कहना है कि यह पूरी तरह धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र है। आरडब्लूए में आर्थिक अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आलोक नागर के साथ बैठक में मुख्य रूप से अशोक तिवारी, उपाध्यक्ष रिंकू भाटी, संगठन सचिव रविंद्र भाटी पल्ला, प्रचार मंत्री योगेश चंदेला, सचिव जीतू ठाकुर और अन्य पदाधिकारी व सेक्टर वासी शामिल हुए। दूसरी और इन लोगों ने अध्यक्ष की ओर से बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया है।
अजब सिंह भाटी ने कहा- सारे आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत
इस मामले में डेल्टा-टू आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अजब सिंह भाटी का कहना है कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। अजब सिंह भाटी ने बताया, "जो आलोक नागर उनके ऊपर आरोप लगा रहा है, उसको उन्होंने 2 साल पहले बर्खास्त कर दिया था। उनके पास इसके सारे सबूत हैं। आलोक नागर 3 सालों से हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उन आरोपों को कभी साबित नहीं कर पाए।"