Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा शहर के विकास और उसकी सूरत संवारने के उद्देश्य से बने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) पर अब गंभीर आरोप लग रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी किसानों से खरीदी गई ज़मीन पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण करवा रहे हैं। यह आरोप तब और गंभीर हो जाते हैं, जब इन कार्यों में प्राधिकरण के मैनेजर और टेक्निकल सुपरवाइज़र की मिलीभगत की बात सामने आती है।
प्राधिकरण के अधिकारीयों पर आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि प्राधिकरण के अधिकारी, जिन्हें चीता मैनेजर के नाम से जाना जाता है, अवैध कॉलोनाइज़र के साथ मिलकर अवैध वसूली कर रहे हैं। हर महीने की 1 से 10 तारीख तक प्राधिकरण के एक टेक्निकल सुपरवाइज़र द्वारा मैनेजर को अवैध कॉलोनियों में भेजा जाता है, जहां से वह अवैध वसूली करता है। यह बताया जा रहा है कि इस अवैध वसूली से मैनेजर ने नई कार खरीदी हैं और विशाल कोठी बनवा रहा है। यह अवैध गतिविधियां मानिकपुर, आमका, खेड़ी बिसरख, खोदना और तिलपता समेत अन्य गांवों में जारी हैं, जहां बड़ी मात्रा में अवैध कॉलोनियों का निर्माण हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि प्राधिकरण के अधिकारी खुद कॉलोनाइज़र की गाड़ियों में बैठकर इन कॉलोनियों में आते हैं और हर महीने अवैध वसूली कर चले जाते हैं।
किसान नेता सुनील फौजी ने किया खुलासा, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
ग्रेटर नोएडा में हो रही इन अवैध गतिविधियों के खिलाफ किसान नेता सुनील फौजी ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अपने पत्र में सुनील फौजी ने आरोप लगाया है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कई अधिकारी और कर्मचारी शहर को बर्बाद कर रहे हैं, और इनकी वजह से अवैध कॉलोनियों का निर्माण तेजी से हो रहा है। सुनील फौजी ने मांग की है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी जांच कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इनकी अवैध संपत्ति को जब्त किया जाए, ताकि भविष्य में कोई अन्य व्यक्ति इस तरह के कार्यों में लिप्त न हो सके।
शहर के विकास पर बड़ा संकट
ग्रेटर नोएडा, जिसे आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने का सपना था, अब अवैध कॉलोनियों के कारण बर्बाद होने के कगार पर है। इन अवैध कॉलोनियों के निर्माण से शहर की योजनाबद्ध विकास प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, और इसका सीधा असर नागरिक सुविधाओं पर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि शहर का विकास सही दिशा में हो सके और अवैध कॉलोनियों की समस्या से निजात मिल सके।