जिला न्यायालय ने पीजी संचालक की हत्या के मामले में जेल गए सात लोगों को गवाह और साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त किया है। हत्या के मामले में मृतक के पिता ने दादरी कोतवाली में मुक़दमा दर्ज करवाया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ़्तार किया था। हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश खारिज कर दिया था। वर्तमान में सभी लोग जेल में बंद थे।
दरसल, अगस्त 2018 में दादरी के बोड़ाकी गांव निवासी पीजी संचालक सुमित की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। सुमित के पिता मौजीराम ने इस मामले में अमरजीत, सोरन, सोहित, सुभाष, आशु, लीलू और करतार के खिलाफ हत्या की धारा में नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। दादरी कोतवाली पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था। केस का ट्रायल कोर्ट में शुरू हुआ। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष लगाए गए आरोपों को सिद्ध नहीं कर सका।
जिसमें कहा गया कि पुलिस को दी गई तहरीर में हस्ताक्षर करने से पहले सुमित के पिता ने उसे नहीं पढ़ा था। कोर्ट ने तहरीर के तथ्य को महत्वपूर्ण माना है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पेश हुए गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर सातों लोगों को निर्दोष करार दिया है। तीन हजार के निजी बंधन पत्र पर सभी लोगों को हत्या के मुकदमें में दोषमुक्त किया गया है।