यूपी में 60 नदियां पुनर्जीवित हुईं, गंगा को अविरल बनाया

India Water Week में बोले योगी आदित्यनाथ : यूपी में 60 नदियां पुनर्जीवित हुईं, गंगा को अविरल बनाया

यूपी में 60 नदियां पुनर्जीवित हुईं, गंगा को अविरल बनाया

Google Image | Yogi Adityanath

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपोमार्ट सेंटर में सातवें इंडिया वाटर वीक (India Water Week) का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार की दोपहर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू (President Dropadi Murmu) ने कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा, "उत्तर प्रदेश में पर्याप्‍त मात्रा में जल मौजूद है। इसके नियोजन पर हम ध्यान दे रहे हैं। हमारे कार्यकाल में 60 से ज्‍यादा नदियों को पुनर्जीवित किया गया है।"

"जल स्रोतों का संरक्षण भारतीय संस्कृति का हिस्सा"
योगी ने कहा, "ये नदियां लगभग लुप्त हो गई थीं। इनका सिर्फ सेटेलाइट से ही दर्शन हो सकता था। आज फिर से वह सातों नदियां जल की उपलब्धता के साथ हम सबके सामने हैं। यूपी में 2018 में प्‍लास्टिक बैन कर दिया गया। पहले घरों और बाजारों से निकल कर यह प्‍लास्टिक नदियों में जाकर गिर रही थी।" योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा, "उत्तर प्रदेश में जल प्रबंधन पर काम चल रहा है। नमामि गंगे परियोजना के तहत हम तेजी से काम कर रहे हैं। गांवों में अमृत सरोवर योजना चलाई जा रही है।"

योगी बोले- कानपुर गंगा का सीवर पॉइंट था, अब सेल्फी पॉइंट
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विगत कुछ वर्षों के अंदर जल प्रबंधन को लेकर व्यापक कार्य हुए हैं। वह वाकई बहुत महत्वपूर्ण हैं। मां गंगा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा भू-भाग को कवर करती हैं। नमामि गंगे परियोजना का सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानपुर था। कानपुर में 14 लाख लीटर सीवर प्रतिदिन गंगा में गिरता था, लेकिन अब इस परियोजना के चलते वह सीवर प्वाइंट अब सेल्फी प्वाइंट बन गया है। सीएम योगी ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना गंगा की निर्मलता और अविरलता का आदर्श उदाहरण है।

टैंकर और ट्रेनों से पानी पहुंचाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए : आनन्दी पटेल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने वाटर वीक को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत के विकास में पानी की कमी वाधा नहीं बने, इसलिए हम सभी को काम करते रहना है। हम सभी का दायित्व है कि आने वाली पीढ़ियां अच्छे पानी की कमी महसूस नहीं करें। सभी का प्रयास बहुत आवश्यक है। हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी जवाबदेह हैं। पानी की कमी की वजह से हमारे बच्चे अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण के कार्यों में न लगा पाएं, उनका जीवन पानी की किल्लत से निपटने में ही बीत जाए, ये हमें नहीं होने देना है। इसके लिए हमें युद्ध स्तर पर अपना काम होगा। और यह प्रयास निरन्तर जारी रहने चाहिए। हमें ध्यान रखना होगा कि देश के किसी भी हिस्से में टैंकर और ट्रेनों से पानी पहुंचाने की फिर नौबत नहीं आए। आनंदी बेन पटेल ने कहा, "गांधी जी कहते थे कि ग्राम स्वराज का वास्तविक अर्थ आत्मबल से परिपूर्ण होना है।"

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