Greater Noida News : लोकसभा चुनाव से पहले ही यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) से हटाए गए वरिष्ठ पीसीएस अफसर शैलेंद्र भाटिया की एक बार फिर वापसी यहां हो गई है। उन्हें चुनाव के बाद यीडा में विशेष कार्याधिकारी के महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। यीडा के लिए यह काफी अहम फैसला माना जा रहा है क्योंकि शैलेंद्र भाटिया की नोएडा एयरपोर्ट जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स से जुड़े अनुभवों की वजह से काफी महत्व है।
शैलेंद्र भाटिया लंबे समय से यीडा में तैनात रहे हैं और उनका नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा परियोजना से भी गहरा नाता रहा है। लेकिन चुनाव आयोग के आदेश पर उन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ही यीडा से हटाकर गाजियाबाद में अपर जिलाधिकारी (भूमि अधिग्रहण) के पद पर भेज दिया गया था। हालांकि, चुनाव खत्म होते ही उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें वापस यीडा भेजने का फैसला किया है। अब वह विशेष कार्याधिकारी के रूप में यीडा में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।
कौन हैं शैलेंद्र भाटिया
शैलेंद्र भाटिया उत्तर प्रदेश प्रादेशिक प्रशासनिक सेवा (यूपी पीसीएस) में वर्ष 2008 बैच के अधिकारी हैं। राज्य सरकार ने 19 अगस्त 2015 को उन्हें यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी में बतौर ऑफ़िसर ऑन स्पेशल ड्यूटी नियुक्त किया था। शैलेंद्र भाटिया को शुरू से ही ज़ेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा परियोजना का काम सौंपा गया। प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव तैयार करने से लेकर अब तक हुए सारे डेवलपमेंट पर शैलेंद्र भाटिया ने विशेष रूप से काम किया है। इसी के चलते वह उत्तर प्रदेश में इकलौते प्रशासनिक अधिकारी हैं, जो हवाईअड्डा परियोजना के विशेषज्ञ बन चुके हैं। जब शैलेंद्र भाटिया यमुना अथॉरिटी में नियुक्त किए गए थे तो वह उपजिलाधिकारी स्तर के अफ़सर थे। यहीं रहते हुए उन्हें राज्य सरकार ने पदोन्नत किया। अब वह अपर जिलाधिकारी रैंक में कार्यरत हैं। राज्य सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक शैलेंद्र भाटिया को करीब साढ़े 8 वर्ष बाद यमुना प्राधिकरण से स्थानांतरित करके ग़ाज़ियाबाद भेजा गया था। शैलेंद्र को ग़ाज़ियाबाद का अपर जिलाधिकारी (भूमि अध्याप्ति) नियुक्त हुए थे।
लो प्रोफाइल रहकर काम करने के लिए मशहूर
शैलेंद्र भाटिया युवा प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्हें लो-प्रोफ़ाइल रह कर बड़े काम को अंजाम देने के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि शासन और यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने शैलेंद्र भाटिया पर भरोसा किया। उन्हें ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसा महत्वपूर्ण काम सौंपा गया। जिसे उन्होंने ईमानदारी के साथ अंजाम दिया और खरे अपेक्षाओं पर उतरे। यमुना प्राधिकरण में इतना लंबा कार्यकाल होने के बावजूद शैलेंद्र भाटिया पूरी तरह निर्विवाद बने रहे। वह कभी लाइमलाइट में नहीं रहे। शहर के लोग उन्हें मृदुभाषी, सौम्य और कर्मठ प्रशासनिक अधिकारी मानते हैं। शैलेंद्र भाटिया मूल रूप से उत्तर प्रदेश में बस्ती जिले के निवासी हैं।