सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता की अर्जी स्वीकार की, यशपाल तोमर को झटका

चिटहेरा भूमि घोटाले में बड़ी खबर : सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता की अर्जी स्वीकार की, यशपाल तोमर को झटका

सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता की अर्जी स्वीकार की, यशपाल तोमर को झटका

Tricity Today | यशपाल तोमर

Greater Noida/New Delhi : गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील के गांव चिटहेरा में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले से जुड़ी बड़ी खबर है। इस घोटाले के मास्टरमाइंड भूमाफ़िया गैंगस्टर यशपाल तोमर ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी थी। यशपाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल विशेष अनुमति याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता प्रताप पवार की ओर से हस्तक्षेप आवेदन (इंटरवीन एप्लीकेशन) दाख़िल की गई। एप्लिकेशन को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। प्रताप के वक़ील एडवोकेट आत्माराम नादकरनी को दो सप्ताह में सारे तथ्यों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में दाखिल करने का आदेश दिया है।

प्रताप पवार के वकील ने अदालत को क्या बताया
शुक्रवार को यशपाल तोमर की विशेष अनुमति याचिका पर जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने सुनवाई की। इस घोटाले की गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी से शिकायत करने वाले प्रताप पवार की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर की गई। प्रताप के वक़ील आत्माराम नादकर्णी ने अदालत को बताया कि यशपाल तोमर शिकायतकर्ता और गवाहों पर दबाव बना रहा है। सभी लोगों को धमकियां दी जा रही हैं। इतना ही नहीं, गवाहों और शिकायतकर्ता के ख़िलाफ फर्ज़ी आपराधिक मुकदमें दर्ज करवा रहा है। यशपाल तोमर फ़िलहाल उत्तराखंड की हरिद्वार जेल में बंद है। शिकायतकर्ता के वक़ील ने अदालत को बताया कि यशपाल तोमर जेल में निरुद्ध रहकर यह सब कर रहा है। अगर उसे जमानत दे दी गई तो वह पूरे मुकदमे को अपने मुताबिक खत्म कर देगा। शिकायतकर्ता और गवाहों की जान को खतरा पैदा हो जाएगा। सीनियर एडवोकेट आत्माराम नादकर्णी ने फर्जी मुकदमे की एक सूची सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश की गई। यह सारे मुकदमे चिटहेरा गांव के किसानों और शिकायत करने वालों पर दर्ज करवाए गए हैं। सीनियर एडवोकेट ने अदालत को आगे बताया कि यशपाल तोमर ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए करीब छह महीने पहले दो शिकायतकर्ताओं के ख़िलाफ गैंग रेप का फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज करवाया है। बागपत पुलिस ने इस फर्ज़ी मुकदमे का ख़ुलासा किया है। फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज करवाने पर यशपाल तोमर और उसके गैंग के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज की है। अदालत ने इसे गंभीरता से लिया और प्रताप के हस्तक्षेप आवेदन को स्वीकार कर लिया है। अदालत ने उनके वक़ील को निर्देश दिया है कि दो सप्ताह में सभी तथ्यों को हलफनामे के जरिये अदालत में दाख़िल करें। इसके बाद आगे की सुनवाई की जाएगी।

यशपाल दो साल से हरिद्वार जेल में बंद
प्रताप पवार की शिकायत पर गौतमबुद्ध नगर के तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने यशपाल तोमर और उसके गैंग के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया था। तत्कालीन अपर जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच की थी। जिसमें प्रताप की शिकायतों को सही करार दिया गया। इसके बाद डीएम के आदेश पर यशपाल तोमर समेत नौ लोगों के ख़िलाफ दादरी कोतवाली में धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक षड्यंत्र रचने, किसानों के ख़िलाफ फर्ज़ी मुकदमे दर्ज करवाने, सरकारी संपत्ति हड़पने और अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों को प्रताड़ित करने के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया। यशपाल तोमर को उत्तराखंड एसटीएफ ने 29 जनवरी 2022 को दिल्ली से गिरफ़्तार किया था। उसे हरिद्वार जेल में बंद दो वर्ष से ज़्यादा वक़्त बीत चुका है। यशपाल तोमर ने दादरी कोतवाली में दर्ज मुकदमे के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मांगी। हाईकोर्ट ने उसकी जमानत अर्ज़ी ख़ारिज कर दी। साथ ही, जिला अदालत को आदेश दिया कि उसके ख़िलाफ चल रहे ट्रायल को एक वर्ष में समाप्त किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश को यशपाल तोमर ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अब उसकी विशेष अनुमति याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

मामले की जांच और कार्रवाई से शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं
चिटहेरा भूमि घोटाले के शिकायतकर्ता प्रताप पवार पुलिस की जांच और कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। प्रताप ने कहा, “इस पूरे मामले की जांच में बड़े झोल हैं। पुलिस को तमाम दस्तावेज मुहैया करवाए गए, लेकिन जांच में शामिल नहीं किए गए हैं। जिससे घोटाले में शामिल लोगों को फ़ायदा मिलेगा। घोटाले में शामिल रहे कई लोगों के नाम पुलिस ने गलत ढंग से निकाले हैं। किसानों पर फ़र्ज़ी मुकदमे दर्ज करवाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। किसानों को उनकी जमीन अब तक वापस नहीं लौटायी गई है। सरकारी जमीन को राज्य सरकार को वापस नहीं लौटाया है। इस बारे में कई बार गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और पुलिस को आवेदन दिए गए हैं। अफसरों ने कोई कदम नहीं उठाया है।” पवार ने आगे कहा, “हमने यह पूरी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हलफ़नामे के ज़रिए पूरी सूचनाएं मांगी हैं। हमारी इंटरवीन एप्लीकेशन को स्वीकार कर लिया है।”
 

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