एनसीआर में मामूली सुधार, लेकिन ग्रेटर नोएडा बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, देखिए आज की रिपोर्ट

Air Pollution : एनसीआर में मामूली सुधार, लेकिन ग्रेटर नोएडा बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, देखिए आज की रिपोर्ट

एनसीआर में मामूली सुधार, लेकिन ग्रेटर नोएडा बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, देखिए आज की रिपोर्ट

Google Photo | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida News : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में मंगलवार को वायु प्रदूषण मे मामूली सुधार हुआ है, लेकिन ग्रेटर नोएडा अभी भी देश का सबसे दूषित शहर बना हुआ है। यहां की एक्यूआई 442 दर्ज की गई है। वायु प्रदूषण की वजह से लोगों  काफी परेशानी हो रही है। आंखों में जलन हो रही है। एनसीआर गैस चैंबर के रूप में तब्दील हो चुका है। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सबसे दूषित शहर रही। यहां की एक्यूआई 442 दर्ज की गई है जो की बेहद ही खतरनाक स्थिति में है।

नोएडा और बाकी शहरों का एक्यूआई
ग्रेटर नोएडा और नोएडा में लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। आंखों में जलन हो रही है। इसके अलावा दमा, खांसी, सांस, ह्रदय रोग और टीवी के मरीजों की हालत नाजुक है। एनसीआर में मंगलवार की सुबह से धुंध छाई हुई है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हवा प्रदूषित होती जा रही है। सुबह से ही दोनों शहरों में स्मॉग की चादर छाई रही। मंगलवार को ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 442 और नोएडा का एक्यूआई 342 दर्ज की गई। इसके अलावा दिल्ली की एक्यूआई 390, गाजियाबाद की 334, फरीदाबाद की 283 और गुरुग्राम की 364 दर्ज की गई।

वायु प्रदूषण पूरे शरीर पर असर डालेगा
वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा आपके दिमाग पर असर डालेगा। वायु प्रदूषण से स्ट्रोक, डिमेंशिया और पार्किंसंस जैसी बीमारियां होती हैं। इसके अलावा आंखों में डिजीज और मोतियाबिंद जैसी समस्या पैदा होती है। वायु प्रदूषण दिल पर भी काफी गहरा असर डालता है। इसके अलावा फेफड़े लीवर हड्डियों कुल मिलाकर पूरे शरीर पर इफेक्ट डालता है।

वायु प्रदूषण से ये बीमारियां हो सकती है
वायु प्रदूषण से इस्केमिक हार्ट डिजीज, हाइपरटेंशन, हार्ट फेल्‍योर, एरिथमिया या इर्रेगुलर हार्ट बीट, लंग कैंसर, लैरींगाइटिस, अस्थमा, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, ब्रोन्किइक्टेसिस, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, हेपेटिक स्टीटोसिस, हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा, ल्यूकेमिया, एनीमिया, सिकल सेल, इंट्रावैस्कुलर कोएग्युलेशन, मेटाबोलिक सिंड्रोम, मोटापा, डायबिटीज, गैस्ट्रिक कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (आईबीडी), ब्लैडर कैंसर, किडनी कैंसर, प्रोस्टेट हाइपरप्लासिया, रूमेटिक डिजीज, ऑस्टियोपोरोसिस, कमजोर हड्डियां, एटॉपिक स्‍किन रोग, स्‍किन एजिंग, यूट्र‍िकेरिया, डर्मोग्राफिज्म और मुंहासे बीमारियां होती हैं।

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