Tricity Today | मायावती, श्याम सिंह भाटी योगी और आदित्यनाथ
Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर में समाजवादी पार्टी के नेता श्याम सिंह भाटी ने बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में हुए घोटाले को उजागर किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की योगी आदित्यनाथ सरकार से घोटाले की उच्चस्तरीय जांच करवाने और कार्रवाई की मांग की है। श्याम सिंह का आरोप है बसपा शासनकाल में विकास कार्यों के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने ग्रेटर नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी को पत्र भेजा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी यह पत्र भेजा है।
श्याम सिंह भाटी ने कहा, "वर्ष 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार थी और मायावती मुख्यमंत्री थीं। वह हमारे जिले में दादरी तहसील के गांव बादलपुर की रहने वाली हैं। लिहाजा, शहर और गांवों का कायाकल्प करने के दावे किए गए। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने गांव में सीवर लाइन बिछा डालीं। पानी की लाइनें डाल दी गईं। हकीकत में ठेकेदारों और अफसरों ने सारे काम कागजों पर किए हैं। सीवर लाइन आज तक मुख्य लाइनों से नहीं जोड़ी गई हैं। सीवर के पाइप बेहद घटिया और छोटे साइज वाले खानापूर्ति के लिए गलियों में दबाए गए हैं। सीवर के मेनहॉल भीतर से कच्चे हैं। केवल ईंटों की रेत में चिनाई कर दी गई है।"
श्याम सिंह भाटी का कहना है, "इन कथित विकास कार्यों की उच्चस्तरीय जांच करवाने की जरूरत है। मैंने नोएडा विकास प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी को एक पत्र लिखा है। पत्र में बताया है कि बसपा नेताओं और अधिकारियों ने मिलीभगत करके विकास कार्यों में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला किया है। उस दौरान बहुत सारे गांवों में विकास कार्यों के नाम पर सीवर डाले गए और बारात घर बनाए गए, लेकिन आज तक वह सीवर लाइन चालू नहीं हो पाई हैं। बारात घर पूरे नहीं बनाए गए। अथॉरिटी के अफसरों और इंजीनियरों ने मौके पर जाकर जांच नहीं की। ठेकेदारों को हजारों करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।"
सपा नेता ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ ने विकास कार्यों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया। सरकार का हजारों करोड़ रुपए लूटा गया। उन्होंने मांग की कि इन सभी विकास कार्यों की एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाकर जांच की जाए। सीवर, बारातघरों और दूसरे निर्माण कार्यों की जांच की जाए। दोषी पाए जाने वाले लोगों से प्राधिकरण के लूटे गए धन की वसूली की जाए। श्याम सिंह भाटी का कहना है कि यदि इस घोटाले की जांच नहीं की गई तो वह एक जनहित याचिका उच्च न्यायालय में दायर करेंगे। श्याम सिंह ने आरटीआई के जरिए अथॉरिटी से सूचनाएं भी मांगी हैं।