कंपनी के चेयरमैन महेश शुक्ला से खास बातचीत, कहा- योगी आदित्यनाथ ने यूपी को व्यापक बनाया

Payme 7th Foundation Day : कंपनी के चेयरमैन महेश शुक्ला से खास बातचीत, कहा- योगी आदित्यनाथ ने यूपी को व्यापक बनाया

कंपनी के चेयरमैन महेश शुक्ला से खास बातचीत, कहा- योगी आदित्यनाथ ने यूपी को व्यापक बनाया

Tricity Today | महेश शुक्ला

Greater Noida Desk : लोगों को जरूरत के हिसाब से लोन देने वाली कंपनी PayMe को आज 7 अगस्त 2023 को पूरे 7 वर्ष हो गए हैं। आज से ठीक 7 साल पहले गोरखपुर के रहने वाले महेश शुक्ला ने कंपनी की शुरुआत की। महेश शुक्ला कहते हैं, "उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों को पूरा करने का प्रयास किया है। आज के समय में PayMe कंपनी भारत के लाखों लोगों की मदद कर चुकी है और आगे भी करती रहेगी। PayMe के 7वें स्थापना दिवस पर महेश शुक्ला से ट्राईसिटी टुडे ने खास बातचीत की और काफी अहम सवालों का जवाब दिया।

1. पेमी इंडिया कॉन्सेप्ट क्या है?
भारत में क्रेडिट गैप बहुत ज्यादा है। जिसके चलते सभी लोग लोन लेने के लिए योग्य नहीं होते हैं। एक माध्यम वर्गीय परिवार जो मासिक वेतन पर निर्भर है, महीने के आखिर तक उसके पास पैसा खत्म हो जाता है। पैसा खत्म होने के बहुत सारे कारण होते हैं, जैसे कि किसी महीने बच्चों की फीस देनी पड़ती है, बिना पूर्वानुमान के मेडिकल इमरजेंसी या फिर कहीं घूमने चले गए तो अतिरिक्त खर्चा हो जाता है। ऐसे में लोगो को 'क्विक मनी' की जरुरत होती है। पेमी इन आकस्मिक का समाधान करता है। पेमी का मकसद है लोन लेने जैसी प्रकिया को ग्राहक की सरदर्दी ना बनने देना। आज हम सब एक भाग दौड़ वाली ज़िन्दगी जी रहें हैं। हमारे लिए अभी सबसे कीमती कोई चीज़ है तो वो हमारा वक्त है। ऐसे में जब आपको लोन वगैरह की जरूरत पड़ती है तो आपको बैंकों या एजेंसियों के इतने चक्कर लगाने पड़ते हैं कि लोन लेना अपने आप में तनाव का विषय बन जाता है। लेकिन पेमी आपको कुछ क्लिक में ही पांच लाख रुपये तक का लोन आसानी से दे देती है | दरअसल, हमारी कंपनी समझती है कि नौकरी पेशा लोगों को किस तरह की फाइनेंशियल नीड और चैलेंज़ेस का सामना करना पड़ता है। पेमी इन तमाम तरह की नीड्स और चैलेंजेस को ध्यान में रखते हुए लोगों को फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइड करती है। हम चाहते हैं कि व्यक्तिगत स्तर पर पैसे की वजह से आपका कोई काम ना रुके। और नए स्टार्टअप्स और बिजनस को भी आसानी से लोन मिल जाए।

 2. आपको पेमी शुरू करने की प्रेरणा कहां से मिली और इसे कहां तक ले जाने का संकल्प है?
मेरा बैंकिंग इंडस्ट्री में काफी लम्बा अनुभव रहा है। मैंने फाइनेंस में बहुत सारे प्रोडक्ट्स पर काम किया है। नेशनल और इंटरनेशनल मार्केट्स को रीड किया है। पैसे की कमी के कारण बड़े-बड़े आइडियाज़ फ्लॉप हो जाते हैं। जब 2016 में पेमी की शुरुआत हुई तो सिर्फ एक मकसद था कि हम हर इंसान को पैसे की कमी से होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिला सकें। फिर चाहे वो व्यक्तिगत की हो या कारोबारी हो। हम 2016 से लगातार आम आदमी की इन जरूरतों को आसानी से पूरा करने के लिए लोन उपल्बध करवा रहे हैं। अब आज का समय डिजिटल समय है। मार्केट एआई की तरफ जोर पकड़ रहा है। पेमी के माध्यम से हम चाहते हैं कि लोगों को इस डिजिटल चेंज के लिए पूरे तरीके से तैयार कर सकें। हम एक टेक फर्स्ट डिजिटल स्टार्ट-अप हैं और फिनटेक स्पेस में जनता की प्रिफर्ड चॉइस बनना ही हमारा मकसद है। एक सेवा प्रदाता कंपनी होने के नाते हमारा उद्देश्य सिर्फ ग्राहक बढ़ाना नहीं है, बल्कि ग्राहक को जागरूक करना भी है। हम चाहते हैं कि लोग अपने पैसों के मामले में जागरूक हों और जरूरत के समय सही प्लेटफार्म तक पहुंच सकें। हम आगे एजुकेशन लोन और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाओं को मुहैया कराने कि दिशा में कदम बढ़ा रहे है।

3. पेमी इंडिया से कैसे लोन ले सकते हैं? कितने से कितने तक लोन ले सकते हैं? अन्य लोन सिस्टम से पेमी कैसे अलग है?
अगर आज कोई लोन लेने की सोचता है तो सबसे पहले क्या करना होता है? सबसे पहला टास्क रिसर्च है। कौन सा बैंक है, कितनी ब्याज दर है? क्या-क्या दस्तावेज चाहिए? ऐजेंट कितना सहयोग करता है? लोन पास होने में कितना वक्त लगेगा? लोन अप्रूव होने के बाद बैंक खाते में पैसा आने तक कितना पैसा लगेगा? मतलब, छोटे से छोटे अमाउंट के लिए भारी-भरकम औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं। जबकि पेमी से आपका लोन 5 मिनट में एप्रूव हो जाता है। बस आपको पेमी की आॉफिशियल वेबसाइट पर जाना है और कुछ जरूरी दस्तावेज के साथ आवेदन कर देना है। पेमी पर लोन अप्रूवल से डिसबर्सल और री-पेमेंट तक पूरी प्रक्रिया डिजिटल है। किसी भी फिजिकल डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं है। इधर आप फार्म भरते हैं, उधर आपका लोन प्रोसेस होना शुरू हो जाता है। यहां आपको कुछ ही क्लिक में पांच लाख रुपये तक का लोन आसानी से मिल जाता है। ग्राहकों को पर्सनल लोन से लेकर कॉर्पोरेट लोन पेमी से इतनी आसानी से मिल जाता है। आप सोचिए कि हम यहां कॉर्पोरेट कर्मचारी को बिना किसी समस्या के लोन दे रहें हैं। पांच हजार से लेकर दो लाख रुपये तक का लोन तत्काल अप्रूव कर रहें हैं। प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर शार्ट टर्म लोन्स दे रहें हैं। स्टार्टअप्स और बिजनस को कॉर्पोरेट लोन आसानी से मुहैया करवा रहे हैं। हमारे पास 600 से ज्यादा लोगों की इन-हाउस टीम है, जो हमारे कस्टमर को भरपूर सहायता दे रही है और लोन लेना एकदम आसान कर रही है।

4. पेमी पब्लिक इंट्रेस्ट में और क्या कदम उठाने वाला है, जिससे आम आदमी को सहूलियत मिलेगी?
अत्याधुनिक, विस्तारित और संपन्न अर्थव्यवस्था के मूलभूत तत्वों में से एक 'फाइनेंशियल इनक्लूसिविटी' है, जिसमें सभी लोगों और संगठनों को वित्तीय सेवाओं व उत्पादों तक पहुंच प्रदान करना शामिल है। यह उनकी आवश्यकताओं के अनुकूल हैं और उचित कीमतों पर उपलब्ध हैं। एक ब्रांड के रूप में हमारा फाउंडिंग प्रिंसिपल फाइनेंसियल इनक्लूसिविटी रहा है। एक डेवलपिंग नेशन के लिए जरूरी है कि सभी के लिए क्रेडिट की उपलब्धतता रहे। हमारा टारगेट ऑडियंस भी वही हैं, जिन्हें बड़े बैंक लोन नहीं देंगे। एक मेरा पर्सनल मिशन भी है, जो पब्लिक इंटरेस्ट में सबसे महत्वपूर्ण है, वह फाइनेंशियल एजुकेशन है। आज भी भारत में लोग जागरूक नहीं हैं। साइबर क्राइम के शिकार हो रहे हैं। फाइनेंस की समझ हर व्यक्ति को होनी चाहिए। ऑनलाइन दी गई जानकारी अकसर आधे-अधूरे तरीके से पेश की जाती है और इसमें विश्वसनीयता की कमी होती है। आज भारत की 1.37 अरब आबादी में से लगभग 50 प्रतिशत के पास इंटरनेट की पहुंच है। लगभग 70 करोड़ के पास स्मार्टफोन हैं। इसलिए फाइनेंशियल एजुकेशन को लोकतांत्रिक बनाना जरूरी है।

5. आपकी सोच 'ब्रिजिंग द रूरल अर्बन डिवाइड' क्या है? कुछ इसके बारे में बताइये।
हमारे देश में ग्रामीण बचत का एक बड़ा हिस्सा सोना, चिट फंड, रियल एस्टेट और मुख्य रूप से बैंक जमा जैसे अनौपचारिक बचत माध्यमों में चला जाता है। यहीं पर वित्तीय साक्षरता और शिक्षा सर्वोपरि भूमिका निभाती है। मैं खुद एक ग्रामीण परिवेश से आता हूं। हमारे यहां रूट लेवल पर लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है। अगर भारत को विश्व की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनाना है तो फाइनेंशियल एजुकेशन का सबसे महत्वपूर्ण रोल होगा।

6. कितने लोग पेमी से जुड़े हैं और देश में कहां-कहां से वर्किंग हो रही है?
देखिए अभी तक 80 लाख से अधिक कस्टमर पेमी से सर्विस का फायदा ले रहें हैं। इंडिया के लगभग सभी बड़े और छोटे शहरों के साथ-साथ गावों तक हम लोगों के लिए अपनी इस सुविधा के साथ मौजूद हैं। हमने कुछ लोन अंडमान निकोबार आइलैंड में भी किए हैं | हम एक टेक कंपनी हैं। इस देश में कोई भी कस्टमर हमारा एप डाउनलोड करके लोन अप्लाई कर सकता है | कोई सीमा हमारे लिए नहीं है। अब इतने बड़े लेवल पर अगर हम सुविधा दे रहें तो जाहिर है कि हमारे पास एक एक्टिव टीम भी होगी। उत्तर प्रदेश की शो विंडो नोएडा में दो ऑफिस हैं। एक मैनेजमेंट और एक ऑपरेशन्स सेंटर है। इसके इन्वेस्टर और लेन्डर्स रिलेशन के लिए मुंबई व बंगलुरू में भी छोटी टीम काम कर रही हैं। कंपनी से जुड़ी जानकारी से लेकर लोन मुहैया कराने तक हमारी टीम हमेशा लोगों के लिए उपल्बध रहती है। हमारे पास पेशेवर लोगों की एक ऐसी टीम है, जो फार्म भरने से लेकर खाते में पैसा आने तक ग्राहक का साथ नहीं छोड़ती है।

7. गोरखपुर के छोटे से गांव नगहरा से लेकर पेमी इंडिया के संस्थापक तक का सफर आपने तय किया है, अपनी सफलता यात्रा के बारे में बताएं?
मेरी शुरूआत पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के छोटे से गांव नगहरा से हुई और शायद इसलिए मैं गांव के लोगों से खुद को कनेक्ट कर पाता हूं। इसलिए पेमी में काम करते वक्त मेरा खुद का एक पर्सनल मिशन है कि गांव के लोगों तक अपनी सुविधा को पहुंचा सकूं। पेमी के टार्गेट आॉडियंस भी वही हैं, जो सेवाओं से उपेक्षित हैं। बड़े बैंक तक उनकी पहुंच नहीं है। जब आप खुद किसी समस्या से निकलते हैं तो आपको पता होता है कि कहां-कहां समस्याएं होती हैं। अब आप देखिए, पढ़ाई के लिए पहले मुझे प्रयागराज जाना पड़ा और फिर नौकरी करने के लिए दिल्ली चला गया। लेकिन अगर मेरे शहर में ही मुझे नौकरी मिल जाती तो मैं अपना शहर क्यों छोड़ता? इसलिए हम इस दिशा में भी काम कर रहें हैं कि ऐसे इलाकों में हम लोगों के लिए रोजगार पैदा कर सकें, ताकि किसी को अपने शहर से दूर ना जाना पड़े। जिन्दगी में हमेशा एक बात याद रखनी चाहिए कि जब तक जिन्दगी है, तब तक संघर्ष है, लेकिन हारना नहीं है और जिस दिन आप जीत जाएं, आप आने वाले लोगों के लिए रास्ते तैयार कर दें।

8. ग्रेटर नोएडा में 200 करोड़ रुपये का निवेश आप कर रहे हैं, जिससे 2,000 लोगों को रोजगार मिलेग। क्या गोरखपुर में भी किसी तरह के निवेश की उम्मीद है?
ग्रेटर नोएडा में 200 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट एक स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टमेंट है, जिसके तहत हम एक फिनटेक पार्क बनाएंगे और देश के बाकी फिनटेक को भी कनेक्ट करेंगे और जब फिनटेक यूपी से ऑपरेट होंगे तो निश्चित ही यहां की जीडीपी में उनका योगदान होगा। पहले प्रदेश का विकास नोएडा और गाजियाबाद तक ही सिमित था, लेकिन हाल ही में 10 लाख करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट ईस्टर्न यूपी में आए हैं। जिनकी वजह से परिस्थितियां बदल रही हैं। पेमी इस विकास का सहभागी बनेगा। गोरखपुर मेरा होम टाउन है। मेरा हमेशा प्रयास रहेगा कि अपने गोरखपुर के लिए रोजगार उत्पन्न कर सकूं। प्रदेश के मुखिया माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने गोरखपुर के विकास को नई दिशा दी है। जो लोग इस पृष्टभूमि से जुड़े हैं, अब उनकी जिम्मेदारी है कि गोरखपुर को आगे बढ़ाएं। मुझे संघर्षों का सामना करना पड़ा, शिक्षा के लिए प्रयागराज और बाद में काम के लिए दिल्ली जाना पड़ा। इन सब चुनौतियों का सामना भविष्य में युवाओं को ना करना पड़े, इसलिए रोजगार पैदा करना महत्वपूर्ण है। मेरी हमेशा से एक सोच है "टू गिव इट बैक तो कम्युनिटी।"

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