Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े फैसले लेने वाली है। संस्कृत माध्यम से पढ़ाई करके सर्टिफिकेट और डिग्रियां हासिल करने वालों को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद व राज्य के विश्वविद्यालयों के समान मान्यता दी जाएगी। इन मांगों को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेश संस्कृत शिक्षा परिषद की बैठक हुई। जिसमें कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास किए गए हैं। परिषद की ओर से यह सारे प्रस्ताव योगी आदित्यनाथ सरकार को भेजे गए हैं। इस बैठक में मेरठ-सहारनपुर शिक्षक सीट से विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा ने भाग लिया। इस बैठक के दौरान श्रीचंद शर्मा को राज्य में संस्कृत विद्यालयों को मान्यता देने वाली समिति का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है।
श्रीचंद शर्मा ने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा के प्रयासों से संस्कृत भाषा के उत्थान के क्रम में कई अच्छे निर्णय लिए गए हैं। मंगलवार को उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद् की कार्यकारिणी बैठक हुई। यह बैठक शिक्षा निदेशालय लखनऊ में आयोजित हुई। जिसमें संस्कृत शिक्षा के प्रसार-प्रसार के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गये हैं।" श्रीचंद शर्मा ने बताया, "संस्कृत शिक्षकों की भर्ती की जाए। जिससे स्कूलों में संस्कृत का पठन-पाठन बेहतर ढंग से किया जा सके। प्रदेश भर में नये संस्कृत विद्यालय खोले जाएं और पुराने विद्यालयों का नवीनीकरण किया जाना चाहिए। प्रथमा, मध्यमा और शास्त्री की उपाधि को माध्यमिक शिक्षा के अनुरूप मान्यता दी जानी चाहिए। ज्योतिष, पुरोहित और वास्तुकला के डिप्लोमा कोर्स शुरू करवाए जाएं।"
सर्वसम्मति से मान्यता समिति के चेयरमैन चुने गए
आपको बता दें कि एमएलसी श्रीचंद शर्मा माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद के सदस्य हैं। बैठक में उन्हें सर्वसम्मति से नवीन संस्कृत विद्यालयों को मान्यता देने वाली समिति का चेयरमैन चुना गया है। बैठक में माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव वाचस्पति मिश्र और सदस्य उपस्थित रहे। श्रीचंद शर्मा विधान परिषद की आवास परिवाद समिति के अध्यक्ष भी हैं। श्रीचंद शर्मा की पढ़ाई संस्कृत भाषा में हुई है। वह संस्कृत भाषा में साहित्य रत्न हैं। लिहाजा, संस्कृत से लगाव रखने वालों को श्रीचंद शर्मा से खासी उम्मीद हैं।