Srichand Sharma Made Big Demand From Education Minister Dr Dinesh Sharma For Students And Teachers
बड़ी खबर : श्रीचंद शर्मा ने शिक्षा मंत्री डॉ.दिनेश शर्मा से लाखों छात्रों और वित्तविहीन शिक्षकों के लिए बड़ी मांग की, डिग्री कॉलेज में बढ़ेंगे प्रवक्ता के पद, पूरी जानकारी
Uttar Pradesh : शिक्षक एमएलसी और आवासीय परिवार जांच समिति विधान परिषद के सभापति श्रीचंद शर्मा ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से मुलाकात कर शिक्षकों, शिक्षा क्षेत्र और लाखों छात्रों के लिए कई बड़ी मांग की है। शिक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा है कि इन सभी मांगों पर जल्दी फैसला लिया जाएगा। उसके बाद तत्काल प्रभाव से लागू कराया जाएगा। शिक्षक एमएलसी ने इस पर संतोष जताया है और उप मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया है। पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं की मुलाकात राजधानी लखनऊ में हुई थी।
विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा ने एक पत्र डॉक्टर दिनेश शर्मा को सौंपा। इसमें कहा गया है कि शिक्षक प्रकोष्ठ भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की कुछ मांगे हैं। सरकार इन पर विचार कर इन्हें पूरा करे।
उन्होंने निम्नलिखित मांगे की हैं -
शिक्षक प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश राज्य के 252 राजकीय माध्यमिक विद्यालय और राजकीय डिग्री कॉलेज में शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पद अविलंब सृजित करने की मांग की है। इसमें वर्तमान योगी सरकार द्वारा स्वीकृत माध्यमिक विद्यालय और डिग्री कॉलेज भी शामिल हैं।
शिक्षक प्रकोष्ठ ने सहारनपुर, मेरठ और गौतम बुद्ध नगर में स्थित गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में कुलपति नियुक्त किए जाने की मांग की है। वर्तमान योगी आदित्यनाथ सरकार ने ही इन सभी यूनिवर्सिटी को स्वीकृति दी है।
श्रीचंद शर्मा ने कहा है कि राज्य में लाखों स्नातक स्तर के छात्रों का रिजल्ट अच्छा नहीं आया है। कोरोना संकट को देखते हुए उन्हें प्रमोट किया जाए।
डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों और प्रोफ़ेसर का पद सृजित किए जाने का निर्णय कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर तुरंत स्वीकृत किया जाए।
शिक्षक प्रकोष्ठ ने विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को पीएचडी का इंक्रीमेंट देने की मांग की है।
स्ववित्तपोषित या वित्तविहीन अध्यापकों को भी एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रोफेसर का पदनाम देने की मांग की गई है।
श्रीचंद शर्मा ने कहा है कि वित्तविहीन शिक्षकों की नियमावली में से अंशकालिक शब्द हटाया जाए। ताकि सभी का प्रमोशन हो सके और उनकी सेवा स्थिर हो सके।