डेढ़ प्रतिशत रजिस्ट्री में हुई 18 करोड़ की स्टांप चोरी, पूरी जांच हुई तो आंकड़ा पहुंचेगा एक हजार करोड़ के पार

बड़ा खुलासा : डेढ़ प्रतिशत रजिस्ट्री में हुई 18 करोड़ की स्टांप चोरी, पूरी जांच हुई तो आंकड़ा पहुंचेगा एक हजार करोड़ के पार

डेढ़ प्रतिशत रजिस्ट्री में हुई 18 करोड़ की स्टांप चोरी, पूरी जांच हुई तो आंकड़ा पहुंचेगा एक हजार करोड़ के पार

Google Photo | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida News : गौतमबुद्ध नगर जिले में संपत्ति की रजिस्ट्री के दौरान स्टांप की चोरी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सिर्फ 1.53% रजिस्ट्रियों की जांच में ही 18.06 करोड़ रुपये की स्टांप चोरी का खुलासा हुआ है। यदि जिले की सभी रजिस्ट्रियों की गहन जांच की जाए तो स्टांप चोरी का आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

3575.86 करोड़ रुपये का राजस्व मिला
इस वित्तीय वर्ष में गौतमबुद्ध नगर जिले में 1,50,192 रजिस्ट्रियां हुई थीं, जिससे प्रशासन को 3575.86 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। लेकिन जानकारों का कहना है कि स्टांप चोरी की वजह से सरकार को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हो रही है। स्टांप चोरी का पता लगाने के लिए डीएम, एडीएम एफआर, एआईजी स्टाम्प और सब-रजिस्ट्रारों को हर महीने कुछ रजिस्ट्रियों की जांच करनी होती है। पिछले वित्त वर्ष में इन अधिकारियों ने केवल 2323 रजिस्ट्रियों की जांच की, जो कुल रजिस्ट्रियों का महज 1.53% है। जांच में 431 रजिस्ट्रियों में 18.06 करोड़ रुपये की स्टांप चोरी का खुलासा हुआ।  

प्रॉपर्टी डीलर कर रहे हैं हेराफेरी
अब तक की जांच से पता चला है कि स्टांप चोरी में सबसे अधिक हेराफेरी प्रॉपर्टी डीलर कर रहे हैं। वे संपत्ति की वास्तविक कीमत से कम दिखाकर या निर्माण का क्षेत्रफल कम दिखाकर कम मूल्य के स्टांप लगा रहे हैं। इसके अलावा उद्यमी और कॉलोनाइजर भी रजिस्ट्री के समय कम कीमत के स्टांप लगाते हैं।

हो रहे मुकदमे दर्ज
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्टांप चोरी मिलने पर हर केस में मुकदमा दर्ज किया जाता है। डीएम कोर्ट में मामला दर्ज करने के बाद एडीएम कोर्ट और एआईजी प्रथम या द्वितीय के पास भेजा जाता है। कोर्ट जुर्माने के साथ स्टांप शुल्क जमा करने का आदेश देता है, लेकिन कई बार आरोपी स्टांप शुल्क जमा नहीं करते हैं, जिसके बाद रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।

सख्त कार्रवाई की मांग
इस समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। स्टांप चोरी न सिर्फ सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि नागरिकों के विश्वास को भी झकझोर देती है। रजिस्ट्रियों की गहन जांच, सख्त कार्रवाई और जागरूकता अभियान इस समस्या पर काबू पाने में मदद कर सकते हैं।

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