ग्रेटर नोएडा जिम्स में बनेगी अत्याधुनिक जिनोम सीक्वेंसिंग लैब, योगी सरकार ने दी मंजूरी, मिलेंगे ये फायदे

BIG NEWS: ग्रेटर नोएडा जिम्स में बनेगी अत्याधुनिक जिनोम सीक्वेंसिंग लैब, योगी सरकार ने दी मंजूरी, मिलेंगे ये फायदे

ग्रेटर नोएडा जिम्स में बनेगी अत्याधुनिक जिनोम सीक्वेंसिंग लैब, योगी सरकार ने दी मंजूरी, मिलेंगे ये फायदे

Tricity Today | जिम्स में बनेगी अत्याधुनिक जिनोम सीक्वेंसिंग लैब

  • राज्य सरकार ने ग्रेटर नोएडा में स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में जिनोम सीक्वेंसिंग लैब शुरू करने की मंजूरी दी
  • अब तक जिनोम सीक्वेंसिंग टेस्टिंग के लिए सैंपल को राजधानी लखनऊ भेजना पड़ता था
  • इसके लिए 2 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं
  • इस लैब में वायरस के स्ट्रेन में होने वाले बदलाव और उसकी फैमिली पर महत्वपूर्ण शोध किया जाएगा
कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए योगी सरकार पूरी तरह मुस्तैद है। खास तौर पर टेस्टिंग पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। ताकि हर संदिग्ध मरीज को इलाज मिल सके। इसी क्रम में राज्य सरकार ने ग्रेटर नोएडा में स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में जिनोम सीक्वेंसिंग लैब शुरू करने की मंजूरी दे दी है। अगले 3 महीने में इसकी शुरुआत हो जाएगी। इससे गौतमबुद्ध नगर और आसपास के जनपदों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बल मिलेगा। 

सैंपल्स लखनऊ भेजने पड़ते हैं
अब तक जिनोम सीक्वेंसिंग टेस्टिंग के लिए सैंपल को राजधानी लखनऊ भेजना पड़ता है। लखनऊ केजीएमयू हॉस्पिटल में इसका लैब बनाया गया है। कोरोना महामारी को कंट्रोल करने के लिए योगी सरकार ने पिछले हफ्ते ही जिम्स में लैब बनाने की मंजूरी दी थी। इसके लिए 2 करोड़ रुपये की राशि निर्गत कर दी गई है। बताया जा रहा है कि यह नेक्स्ट जेनरेशन सीक्वेंसिंग लैब होगी। इसे प्रदेश की सबसे अत्याधुनिक लैब माना जा रहा है। 



प्रदेश की तीसरी लैब होगी
इसके लिए उपकरणों की खरीद जल्द शुरू होगी। इसमें टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इस लैब में वायरस के स्ट्रेन में होने वाले बदलाव और उसकी फैमिली पर महत्वपूर्ण शोध किया जाएगा। बीते दिसंबर में ही इसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसके बाद जिम्स प्रशासन लगातार शासन के संपर्क में था। अब तक राज्य के 2 सेंटरों लखनऊ और वाराणसी में जिनोम सीक्वेंसिंग परीक्षण किए जा रहे हैं। हालांकि इन दोनों में पुरानी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन जिम्स में नई तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। यह मशीन अत्याधुनिक होगी। 

75 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी
संस्थान को जल्द ही प्रदेश की तीसरी वायरस रिसर्च एंड डॉयग्नोस्टिक लैब स्थापित करने की मंजूरी मिलेगी। इसमें वायरस के निदान और उपचार पर शोध किया जाएगा। इस लैब के निर्माण में करीब 5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस खर्च का 75 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी। जबकि 25 प्रतिशत भागीदारी राज्य सरकार की होगी।

13 करोड़ रुपये दिए
बताते चलें कि एक दिन पहले ही जिम्स को अत्याधुनिक बनाने और यहां सभी आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान में विभिन्न विभागों में उपकरणों की खरीदारी के लिए 13 करोड़ 80 लाख 84 हजार रूपये की धनराशि दिए जाने को स्वीकृति प्रदान की थी। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी कर दिया है।

जिम्मेदारी तय करें
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वास्तविक आवश्यकत-उपयोगिता के आधार पर ही संबंधित उपकरण खरीदे जाएंगे। इनकी खरीदारी नियमानुसार पारदर्शितापूर्वक संस्थान स्तर से की जाएगी। सुसंगत वित्तीय नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना निदेशक एवं वित्त अधिकारी का दायित्व होगा। प्रस्तावित उपकरणों की गुणवत्ता, मानक एवं विशिष्टियों की जिम्मेदारी निदेशक-वित्त अधिकारी, संबंधित विभागाध्यक्ष की होगी।

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