Omicron Variant in India : कोरोना वायरस के नए अफ्रीकी वैरिएंट ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। दूसरी तरफ सरकार ने पिछले साल 23 मार्च से बंद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 15 दिसंबर से शुरू करने की घोषणा कर दी है। नए वैरिएंट का ग्रेटर नोएडा शहर से अजीब कनेक्शन जुड़ गया है। दरअसल, COVID-19 के दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट का नाम ओमीक्रोन है। ग्रेटर नोएडा में ओमीक्रोन नाम के तीन आवासीय सेक्टर हैं।
भारत में ओमीक्रोन वैरिएंट मिलने से अफरा-तफरी फैली है। इससे हवाई सेवा शुरू होने पर संदेह है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए वैरिएंट को देखते हुए मंत्रालय और अधिकारियों को समीक्षा करने का आदेश दिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के बीच माथापच्ची शुरू हो गई है।
पीएम मोदी ने 'प्रोएक्टिव' रहने को कहा है
कोरोना की समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री ने 'प्रोएक्टिव' रहने की आवश्यकता जताई है। सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की निगरानी और यात्रियों की जांच पर बल दिया है। प्रधानमंत्री ने भारत में टीकाकरण की गति, जांच, दवाओं की उपलब्धता और आक्सीजन प्लांट को लेकर व्यापक चर्चा की। कोरोना के नए वैरिएंट ‘ओमिक्रोन’ के मद्देनजर केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में रविवार को एक बैठक हुई है।
नए वैरिएंट को लेकर हरकत में सरकार
प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट सचिव, स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव, वैज्ञानिक सलाहकार समेत अन्य केंद्रीय अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्यों के साथ लगातार संपर्क में रहें। टीके की दूसरी डोज की गति तेज करें। उन्होंने उन स्थानों को कंटेनमेंट जोन बनाने का सुझाव दिया है, जहां ज्यादा केस हैं। अधिकारियों ने हर घर दस्तक कार्यक्रम के तहत टीकाकरण के बारे में पूरी रिपोर्ट दी।
बेंगलुरु में ओमिक्रोन वैरिएंट नहीं मिला
बेंगलुरु में कोरोना से संक्रमित पाए गए दो दक्षिण अफ्रीकी नागरिकों में ओमिक्रोन नहीं मिला है। दूसरी ओर लगभग दो घंटे चली बैठक में प्रधानमंत्री ने हर विषय पर सवाल किए। पीएम को बताया गया कि फिलहाल भारत में औसतन सात-आठ हजार केस रोजाना आ रहे हैं। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 0.88 के आसपास है, जो काफी नियंत्रित माना जाएगा। पीएम ने अधिकारियों को कहा कि राज्यों से संपर्क करके सुनिश्चित करें कि पिछले महीनों में लगाए गए पीएसए प्लांट चालू हैं। वेंटीलेटर काम कर रहे हैं। सभी राज्यों में जरूरी दवाओं और खासकर बच्चों की दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर प्रधानमंत्री ने विशेष निर्देश दिया है।
इन देशों को जोखिम श्रेणी में रखा गया
फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल को कोरोना के 'जोखिम' वाले देशों की श्रेणी में रखा है। जोखिम श्रेणी वाले देशों के साथ यदि भारत का एयर बबल समझौता है तो उड़ानें उसी के तहत संचालित होंगी। यदि एयर बबल समझौता नहीं है तो 50 फीसदी उड़ानों का ही संचालन होगा।
मुंबई आने वाले का क्वारंटाइन अनिवार्य
मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा, "दक्षिण अफ्रीका से आने वाले लोगों को अनिवार्य क्वारंटाइन में रहना होगा। उनकी कोरोना जांच भी कराई जाएगी। हर यात्री के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाएगी। गुजरात और कर्नाटक में दक्षिण अफ्रीका से आने वाले यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है।" नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ान नियमित होंगी। कई देशों ने शुक्रवार देर रात तक अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा को सीमित कर दिया। ब्रिटेन, जर्मनी, स्विटजरलैंड जैसे यूरोप के कई देशों ने अफ्रीका के विभिन्न देशों से आने वाले विमान पर रोक लगा दी। अमेरिका ने भी अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा नियम में बदलाव किया है।
64 प्रतिशत लोग उड़ानों के पक्ष में नहीं
भारत के ज्यादातर लोग 15 दिसंबर से अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने पर पुनर्विचार के पक्ष में हैं। सरकार द्वारा अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा फिर शुरू करने की घोषणा के तुरंत बाद आनलाइन प्लेटफार्म लोकलसर्किल की ओर से एक सर्वेक्षण किया गया। इसमें 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नए कोरोना वैरिएंट के मद्देनजर मोदी सरकार को उड़ान शुरू करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
आपको बता दें कि इससे पहले कोरोनावायरस का डेल्टा वेरिएंट सामने आया था। ग्रेटर नोएडा शहर में डेल्टा नाम के भी तीन रेजिडेंशियल सेक्टर हैं।