Greater Noida News : गलगोटियास विश्वविद्यालय और एनआई टीटीटी चैनई मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन (भारत सरकार) के सौजन्य से चल रही आउटकम बेस्ड शिक्षा पर आधारित 5 दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 90 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को केन्द्र बिन्दु मानकर खोज पूर्ण शिक्षण मैथड को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों को शिक्षण पद्धति के साथ प्रशिक्षित करना है। ताकि व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता को ज्यादा बेहतर बनाया जा सके।
चरित्र निर्माण बेहद जरूरी : डॉ.जनार्दन
नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ टैक्निकल टीचर ट्रेनिंग एण्ड रिसर्च (मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन) भारत सरकार संस्थान से आए मुख्य वक्ता के रूप में डॉ.ईएसएम सुरेश ने क्वालिटी एजुकेशन पर बात की। उन्होंने एनएएसी, एनबीए और एनएबीएल के महत्व को बहुत बारीकी से समझाया। डॉ.जनार्दन ने न्यू एजुकेशन टेक्नोलॉजी और उसके टूल्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्किल लैवल को कैसे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण की भी बात कही।
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं यह बात"
डॉ.शानमुगा निधि और डॉ.दिनेश कुमार ने अलग-अलग विषयों पर बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां अपने-अपने लैक्चर के माध्यम से दी। उन्होंने परिक्षा-सुधार विषय पर बोलते हुए कहा कि विद्यार्थियों को परिक्षा के समय में डरना नहीं चाहिए। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री की बात को याद दिलाते हुए कहा कि अभी पिछले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी परिक्षा के समय में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा था कि परिक्षा के समय अपको अपने धैर्य का परिचय देना है। बहुत ही सावधानी के साथ अपनी परीक्षाएं देनी चाहिए, ताकि उत्कृष्ट परिणाम आ सकें।
"पूरी मेहनत और लग्न के साथ एम्लीमैंट भी करना होगा"
गलगोटियास विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के. मल्लिकार्जुन बाबू ने कहा कि आप सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला में जो सीखा है, उसे पूरी मेहनत और लग्न के साथ एम्लीमैंट भी करना है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी मेहनत से दुनिया में अपने गलगोटिया विश्वविद्यालय का नाम रोशन करना है। यह कार्यशाला सीखने के लिए और अपने स्किल लैवल को बढाने के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण थी और आगे भी इस प्रकार के आयोजन होते रहेंगे। विश्वविद्यालय के प्रो.वाइस चॉसलर अवधेश कुमार ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षण में प्रौद्योगिकी उपकरणों का प्रयोग और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुसरण करते हुए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना ही हमारा सबसे बड़ा उद्देश्य है।
लर्निंग लेवल्स पर अधिक फोकस करना होगा : सुनील गलगोटिया
विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि आउटकम बेस्ड एजुकेशन सिस्टम को बेहतर ढंग से लागू करने के लिये जहां एक तरफ शिक्षक को शिक्षण पद्धतियों के प्रति अत्यंत संवेदनशील होने की जरूरत है, वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थियों को अपने लर्निंग लेवल्स पर अधिक फोकस करना होगा। ताकि वो किसी भी प्रोफेशनल पाठ्यक्रम को उत्तीर्ण करने के बाद अपनी अपनी काबिलियत के अनुसार नौकरी हासिल कर सकें।
सफल आयोजन के लिए सभी शिक्षकों को बधाई : ध्रुव गलगोटिया
विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने इस वर्कशॉप के महत्व को बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को शिक्षण पद्धति के साथ प्रशिक्षित करना है ताकि व्यवसायिक शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी शिक्षकों को बधाई दी।