ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए बड़ी खबर है। करीब 10 साल के लंबे इंतजार के बाद अगले हफ्ते से उन्हें गंगाजल की आपूर्ति मिलनी शुरू हो जाएगी। पाइप बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। जर्मनी की एक कंपनी के सहयोग से जारी यह प्रोजेक्ट अपने अंतिम चरण में है। इन गर्मियों से पहले लोगों को यह बड़ी सौगात मिलेगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण इस प्रोजेक्ट की निगरानी और निर्माण कार्यों को जायजा स्वयं ले रहे हैं।
पहले चरण में कुछ क्षेत्रों में होगी सप्लाई
हालांकि पहले चरण में ट्रायल के तौर पर शहर के कुछ क्षेत्रों में ही आपूर्ति की जाएगी। ऊपरी गंग नहर से ग्रेटर नोएडा के घनी आबादी वाले इलाकों में 51.09 क्यूसेक पानी की आपूर्ति मार्च, 2021 के मध्य से शुरू कर दी जाएगी। फिलहाल ग्रेटर नोएडा के निवासियों को ट्यूबेल और बारिश के एकत्र किए पानी को शुद्ध कर सप्लाई दी जाती है।
11 साल पहले काम शुरू हुआ था
बताते चलें कि ग्रेटर नोएडा में गंगनहर से गंगाजल लाने की परियोजना शुरू की गई थी। इस प्रोजेक्ट पर अगस्त, 2010 में काम शुरू हुआ था। इस पर करीब 350 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके तहत गाजियाबाद जिले के देहरा गांव में गंगनहर से ग्रेटर नोएडा तक पाइपलाइन बिछाई जा रही है। गंगनहर से ग्रेटर नोएडा तक 23 किमी लंबी पाइपलाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो गया है। अब सिर्फ एक किमी पाइपलाइन बिछाने और जोड़ने का काम रह गया है। प्राधिकरण की कोशिश है कि मार्च में काम पूरा कर पेयजल की आपूर्ति शुरू कर दी जाए। हालांकि अगर इसमें देरी होती है, तो अप्रैल के पहले हफ्ते तक शहर में गंगाजल मिलना शुरू हो जाएगा।
भूमि विवाद के चलते हुई देरी
जब अगस्त 2010 में गंगाजल आपूर्ति की परियोजना शुरू हुई थी, तो इसे साल 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। इसको हासिल करने में जमीनी विवाद बड़ा रोड़ा बन गया। इस प्रोजेक्ट के तहत ग्रेटर नोएडा में 85 क्यूसेक गंगाजल आपूर्ति की जाएगी। पहले इसकी लागत करीब 290 करोड़ रुपये थी। मगर विलंब होने की वजह से लागत बढ़ती गई और अब यह 350 करोड़ रुपये हो गई है।
दो बार शुद्ध किया जाएगा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने पूरे प्रोजेक्ट के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि गंगाजल की आपूर्ति के लिए गाजियाबाद के देहरा से गंगनहर से ग्रेटर नोएडा तक पाइप लाइन बिछाया जा रहा है। काम तेज गति से हो रहा है। देहरा से 11 किलोमीटर लाकर पेयजल को प्राइमरी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में लाकर शुद्ध किया जाएगा। इसके बाद इसे 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित पल्ला में बने दूसरे वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में लाकर शुद्ध किया जाएगा। इसके बाद इसे ग्रेटर नोएडा के मास्टर रिजर्वायर तक पहुंचाया जाएगा। यहां से ओवरहेड टैंक के जरिए सप्लाई होगी। दो बार ट्रीट होने के बाद पानी से खारेपन की समस्या दूर हो जाएगी।