Delhi-NCR : नोएडा और गाजियाबाद के ट्रांस-हिंडन क्षेत्र में गंगा जल की आपूर्ति 15 अक्टूबर से लगभग एक महीने के लिए बाधित रहेगी। इस दौरान ऊपरी गंग नहर में हर साल की तरह गाद और साफ-सफाई की जाएगी। हालांकि, नोएडा प्राधिकरण ने निवासियों को आश्वासन दिया है कि शहर में पानी की कोई कमी नहीं होगी। मगर निवासी महीने के लंबे इंतजार की वजह से चिंतित हैं। हालांकि यह नियमित प्रक्रिया है और हर साल नहर में सफाई की जाती है।
इसकी वजह से गंग नहर से पानी की आपूर्ति बाधित रहती है। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया, “हम 1 महीने की अवधि के दौरान रैनी कुओं और ट्यूबवेल से पानी का स्रोत बनाएंगे। पूरे महीने गाद निकालने की अवधि के दौरान गंगा जल के 60 क्यूसेक पानी की कमी होगी। लेकिन हमें शहर में पानी की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं होगी। 14 नवंबर से गंगा जल की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। हालांकि, निवासियों ने घरों में शुद्ध भूजल उपलब्ध कराने में प्राधिकरण की तैयारियों में कमी पाई है। उन्होंने इस बारे में शिकायत की।
शुद्ध नहीं है जल
सेक्टर-77 के एक निवासी ने कहा, “ऊपरी गंग नहर की वार्षिक सफाई से एक महीने के लिए गंगा जल की सप्लाई बंद हो जाएगी। इस अवधि के दौरान प्राधिकरण ने नोएडा में भूजल की आपूर्ति करने की योजना बनाई है। जबकि इसका टीडीएस स्तर लगभग 1,500 है। यह न तो पीने के लिए उपयुक्त है और न ही धोने या नहाने के लिए। प्राधिकरण को इस भूजल के शोधन के लिए पहले व्यवस्था करनी चाहिए थी। हम हर साल इस मुद्दे को उठाते हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
नहीं मिली कंपनी
सेक्टर-77 में स्थित प्रतीक विस्टीरिया के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा, प्राधिकरण ने लगभग सात महीने पहले भूजल शोधन के लिए एक टेंडर जारी किया था। लेकिन इसे अब तक कंपनी का चयन नहीं हो सका है। उन्होंने कहा, “हम नोएडा प्राधिकरण की सीईओ से अनुरोध करते हैं कि भूजल का शोधन प्राथमिकता के आधार पर करवाएं।” इस बीच, प्राधिकरण ने सोमवार को नोएडा में जल सुरक्षा योजनाओं के साथ रेनी कुओं और ट्यूबवेल के कुशल संचालन के लिए 2.21 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है।