भट्टा-परसौल से धीरेन्द्र सिंह को समर्थन, बोले- ये मेरी कर्मभूमि है, इस गांव ने खून बहाकर लोकतंत्र बचाया

यूपी चुनाव : भट्टा-परसौल से धीरेन्द्र सिंह को समर्थन, बोले- ये मेरी कर्मभूमि है, इस गांव ने खून बहाकर लोकतंत्र बचाया

भट्टा-परसौल से धीरेन्द्र सिंह को समर्थन, बोले- ये मेरी कर्मभूमि है, इस गांव ने खून बहाकर लोकतंत्र बचाया

Tricity Today | भट्टा-परसौल से धीरेन्द्र सिंह को समर्थन

Greater Noida : जेवर विधानसभा क्षेत्र के भट्टा-परसौल गांवों में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने जनसंपर्क किया। इस दौरान दोनों गांवों में उनका भव्य स्वागत किया गया। गांव वालों ने धीरेंद्र सिंह को पुरजोर समर्थन किया है। दूसरी और धीरेंद्र सिंह ने कहा, "यह मेरी कर्म भूमि है। यहां विकास कार्य नहीं रुकने देंगे।" आपको बता दें कि वर्ष 2011 के भट्टा-पारसौल कांड में धीरेंद्र सिंह ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। वह किसानों के समर्थन में राहुल गांधी को लेकर भट्टा-पारसौल पहुंचे थे। इसी आंदोलन की बदौलत अंग्रेजी जमाने का भूमि अधिग्रहण कानून बदला गया था।

"यह मेरी कर्मभूमि है, मेरे लिए सदा पूज्यनीय"
धीरेंद्र सिंह ने कहा, "भट्टा और पारसौल गांव मेरी कर्म भूमि है। यह दोनों गांव मेरे लिए हमेशा पूज्यनीय रहेंगे। मैंने इन गांवों के दुखों को जिया है। ये गांव मेरे सुख-दुख में हमेशा शरीफ रहे हैं। जेवर विधानसभा क्षेत्र का विकास मेरा सपना और संकल्प है। जिसे पूरा करने के लिए भट्टा और पारसौल में हमेशा ऊर्जा दी है। यहां के किसानों की शहादत की बदौलत पूरे देश के किसानों को हक मिले हैं। इस गांव के लोगों ने खून बहाकर लोकतंत्र को जिंदा रखा है।"

दोनों गांवों ने धीरेंद्र सिंह को दिया समर्थन
शनिवार की सुबह धीरेंद्र सिंह भट्टा और पारसौल गांव पहुंचे। 'डोर टू डोर कैंपेन' किया और लोगों से एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को वोट देने की अपील की। धीरेंद्र सिंह ने कहा, "पिछले 5 वर्षों में जेवर विधानसभा क्षेत्र ने बहुत तेजी से तरक्की की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बदौलत आज जेवर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है। विकास का यह पहिया थमना नहीं चाहिए। जिस तरह आप लोगों ने बलिदान देकर लोकतंत्र को बचाया, उसी तरह आपके समर्थन के बिना विकास का यह यज्ञ पूरा नहीं होगा।" दोनों गांवों में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से धीरेंद्र सिंह को समर्थन देने का ऐलान किया है।

...और ताजा हो गईं आंदोलन की पुरानी यादें
धीरेंद्र सिंह भट्टा-पारसौल पहुंचे तो किसान आंदोलन की पुरानी यादें ताजा हो गईं। धीरेंद्र सिंह के साथ गांव वालों ने उस वीभत्स घटना को याद किया। इस दौरान कई लोगों के गले भर आए और आंखों में आंसू भी आ गए। आपको बता दें कि भूमि अधिग्रहण के खिलाफ भट्टा-पारसौल और आसपास के 5 गांवों में वर्ष 2011 के दौरान आंदोलन खड़ा हुआ था। 7 मई 2011 को यह आंदोलन हिंसक हो गया था। पुलिस फायरिंग के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई थी। इलाके के सैकड़ों किसानों के खिलाफ दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए थे। गांव के करीब ढाई सौ लोग जेल भेजे गए थे। उस वक्त धीरेंद्र सिंह किसानों को बचाने राहुल गांधी को लेकर भट्टा-पारसौल पहुंच गए थे। तब यूपी में बहुजन समाज पार्टी की मायावती सरकार थी। धीरेंद्र सिंह ने जमीन से लेकर अदालत तक किसानों की लड़ाई लड़ी थी। पिछली बार जब धीरेंद्र सिंह विधायक बने तो किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस करवाने में भूमिका निभाई।

Copyright © 2023 - 2024 Tricity. All Rights Reserved.