घर खरीदारों के मामले में 10 दिन का समय, फिर होगी CBI जांच!

सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को लगाई फटकार : घर खरीदारों के मामले में 10 दिन का समय, फिर होगी CBI जांच!

घर खरीदारों के मामले में 10 दिन का समय, फिर होगी CBI जांच!

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Greater Noida News : सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को घर खरीदारों की समस्याओं के समाधान के लिए 10 दिनों के भीतर एक ठोस योजना पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने समय पर जवाब न देने पर प्राधिकरण पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मुख्य न्यायाधीश ने सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी कि यदि प्राधिकरण अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहता है तो मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया जा सकता है। कोर्ट ने खरीदारों की कठिनाइयों को गंभीरता से लेते हुए प्राधिकरण को समय पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के रवैये से नाराज कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्राधिकरण इस अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार है। न्यायाधीशों ने टिप्पणी की, 'यह सच है कि डेवलपर्स ने मकान खरीदारों से धन अर्जित किया, लेकिन इससे आपकी लापरवाही नहीं छुप सकती।'


विफल रहने पर होगी सीबीआई जांच
पीठ ने कहा कि यदि प्राधिकरण 10 दिनों के भीतर मकान खरीदारों की समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस योजना पेश करने में विफल रहता है, तो अदालत पूरे मामले की सीबीआई जांच का आदेश दे सकती है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'आपको मकान खरीदारों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। आप भी इस समस्या का हिस्सा हैं। आपने इस गड़बड़ी को बनने दिया।'

हलफनामा दाखिल करने का दिया आदेश
अदालत ने सुझाव दिया कि प्राधिकरण पूरे भूखंड का अधिग्रहण करे, परियोजनाओं को खुद विकसित करे और मकान खरीदारों को फ्लैट सौंपे। पीठ ने जीएनआईडीए से एक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने को भी कहा। इस हलफनामे में जमीन के आवंटन की तारीख, निजी डेवलपर के पक्ष में लीज डीड के निष्पादन की जानकारी और अब तक की प्रगति का ब्यौरा शामिल होना चाहिए।

यह है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन यह मामला नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के उस फैसले से जुड़ा है, जिसमें दिवालिया रियल एस्टेट कंपनी अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की दिवाला प्रक्रिया के तहत अल्फा कॉर्प डेवलपमेंट की बोली को मंजूरी दी गई थी। इस कानूनी विवाद के कारण ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में स्थित पांच आवासीय परियोजनाओं का काम ठप पड़ा है, जिससे सैकड़ों मकान खरीदार प्रभावित हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण को खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाने का निर्देश दिया है।

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