करोड़ रुपये के फ्लैट वाली सोसायटी के बेसमेंट बने स्वीमिंग पूल, लोग बोले- बरसात में क्या होगा

ग्रेटर नोएडा वेस्ट : करोड़ रुपये के फ्लैट वाली सोसायटी के बेसमेंट बने स्वीमिंग पूल, लोग बोले- बरसात में क्या होगा

करोड़ रुपये के फ्लैट वाली सोसायटी के बेसमेंट बने स्वीमिंग पूल, लोग बोले- बरसात में क्या होगा

Tricity Today | करोड़ रुपये के फ्लैट वाली सोसायटी के बेसमेंट बने स्वीमिंग पूल

Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट को यूं ही समस्याओं का शहर नहीं कहा जाता है। इस शहर में आकर बसे लोगों के सामने दिक्कतें घटने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही हैं। कई-कई साल पहले शुरू हो चुकीं हाउसिंग सोसायटीज की समस्याएं आम आदमी को तोड़ रही हैं। नई सोसायटी बसाने वाले बिल्डरों ने भी इससे कोई सबक नहीं लिया। ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सबसे महंगी हाउसिंग सोसाइटी एटीएस हेपीट्रिल्स में आफ़त आ गई है। मामूली बारिश में ही सोसायटी के बेसमेंट स्विमिंग पूल में बदल गए हैं। बेसमेंट में फ़व्वारे और झरने फूट रहे हैं। निवासियों का कहना है कि एक करोड़ रुपये से ज़्यादा क़ीमत के फ़्लैट ख़रीदने के बावजूद यहां के हालात देखकर निवासी हैरान और परेशान हैं। सोशल मीडिया पर फ़्लैट खरीदारों का ग़ुस्सा फूटा
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में फ़्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा के उपाध्यक्ष मनीष ने गुरुवार को ट्वीट किया है। जिसमें एटीएस हैपीट्रिल्स के वीडियो पोस्ट किए हैं। उन्होंने लिखा है, “एटीएस जैसे नामी बिल्डर की नवनिर्मित सोसायटी में आने वाले खरीदारों ने सोचा भी नहीं होगा कि बारिश के दौरान घरों और बेसमेंट में पानी-पानी हो जाएगा। यह हालात ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सेक्टर-10 की एटीएस हैपीट्रेल्स सोसायटी का है।” इस ट्वीट पर विनीत सिंह राजपूत ने लिखा कि यह हाल तब है जब फ्लैट की क़ीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही रहने वाले एक अन्य निवासी हरेंद्र बोरा ने लिखा है, “शायद ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सभी बिल्डर एक मिशन बनाकर आए हैं कि आम आदमी को लूटना है। घटिया से घटिया कंस्ट्रक्शन करना है। इस काम में अथॉरिटी का बिल्डरों को पूरा समर्थन है।”

“ये भी डूबेगा”
इन वीडियोज को देखकर एक अन्य ट्विटर यूजर कन्हैया लिखते हैं, “एक समय हुआ करता था, जब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एटीएस के नाम से ही हाथोंहाथ घर बिक जाया करते थे। एटीएस बिल्डर अपना प्रोजेक्ट लॉन्च बाद में करता था और उसकी प्रॉपर्टी पहले सोल्ड आउट हो जाती थी। उसने दूसरे बिल्डरों को देखा और उसे भी ‘सदबुद्धि’ आ गई। उसने भी बाक़ी बिल्डरों की तरह घटिया काम करना शुरू कर दिया। अब आप हालात देख सकते हैं। पिछले 3 महीनों से एटीएस के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। ये भी डूबेगा डूबेगा।”

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