ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भूमाफिया का आतंक, करोड़ों रुपये की जमीन पर बनाई अवैध कॉलोनियां

कौन जिम्मेदार : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भूमाफिया का आतंक, करोड़ों रुपये की जमीन पर बनाई अवैध कॉलोनियां

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में भूमाफिया का आतंक, करोड़ों रुपये की जमीन पर बनाई अवैध कॉलोनियां

Tricity Today | Greater Noida Authority

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अवैध कॉलोनियों और विला का तेजी से विस्तार हो रहा है। जिससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की संपत्ति पर अवैध कब्जा बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि प्राधिकरण के टैक्नीकल सुपरवाइजर से लेकर सीनियर मैनेजरों की मिलीभगत से कॉलोनियां और विला बन रहे हैं। इस अवैध निर्माण में करीब 30,000 करोड़ रुपये की भूमि का उपयोग किया गया है। जिसे किसानों से सीधे बैनामा के जरिए खरीदा गया है।

इन गांवों में भूमफिया का कब्जा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा बिसरख जलालपुर गांव में किसानों के लिए फार्महाउस योजना के तहत जमीन खरीदी गई थी, लेकिन यह योजना जल्द ही असफल हो गई। अब यहां अवैध कॉलोनियों का जाल फैल गया है। पतवाड़ी गांव में भी हजारों करोड़ रुपये की जमीन पर अवैध कॉलोनियों और विला का निर्माण किया जा चुका है। इसी प्रकार ग्रेटर नोएडा वेस्ट के कई अन्य गांवों जैसे सैनी, सुनपुरा, सादुल्लापुर, वैदपुरा, इटैडा, तिलपता, जलपुरा, हल्दौनी, छपरौला, हबीबपुर और 24 अन्य गांवों में भी अवैध कॉलोनियां बन चुकी हैं। यदि इन पर रोक नहीं लगाई गई तो यह समस्या ग्रेटर नोएडा की विकास योजनाओं के लिए एक बड़ा अवरोध बन सकती है। 

कई विभागों की संलिप्तता का आरोप
आरोप है कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) और बिजली विभाग भी इन अवैध कॉलोनियों में सहयोग कर रहे हैं। बिना उचित जांच के बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं। इन अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोग प्राधिकरण से बुनियादी सुविधाओं की मांग कर सकते हैं, जिससे प्राधिकरण के संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ेगा और यह स्थिति आने वाले समय में और गंभीर हो सकती है।

मुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र
नोएडा के निवासी उदय सिंह ने इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने इन अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने प्राधिकरण के टैक्नीकल सुपरवाइजर और अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ऐसे लोगों की संपत्ति की जांच कर उन्हें प्राधिकरण की नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

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