Social Media | बोर्ड लगाकर स्रमाट को गुर्जर-राजपूत साबित करने की होड़
Gautam Buddh Nagar : गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा से सम्राट मिहिर भोज को लेकर शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया है। उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्यों राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के गांवों में इस महान शासक के नाम के आगे गुर्जर-राजपूत लिखे बोर्ड लग रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर के दादरी और जेवर तहसील के दर्जनभर गांवों में प्रवेश द्वार पर बड़े-बड़े बोर्ड लगाए गए हैं, जहां उन्हें गुर्जर या राजपूत सम्राट मिहिर भोज लिखा गया है।
बताते चलें कि पिछले महीने 22 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम था। उसी दिन शासक के नाम के आगे गुर्जर शब्द लिखने और मिटाने से यह पूरा विवाद शुरू हुआ था। इस पर विरोध जताते हुए गुर्जर समाज ने बड़ा आंदोलन किया था। सुरक्षा-व्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया।
गुर्जर स्रमाट लिखा गया
पुलिस लाइन में ही गुर्जर समाज ने राष्ट्रीय स्वाभिमान गुर्जर समिति का गठन किया था। इस समिति को समाज के हितार्थ कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसके बाद से ही गुर्जर-राजपूत समाज मिहिर भोज को अपना पूर्वज साबित करने में जुटा है। ग्रेटर नोएडा के ही डूंगरपुर रीलका, बिसरख और सालारपुर जैसे गांव में बड़े-बड़े बोर्ड लगाए गए हैं। जहां गुर्जर प्रतिहार चक्रवर्ती सम्राट मिहिर भोज लिखकर गांव में स्वागत किया जा रहा है।
इन गांवों में लगे पोस्टर
गौतम बुद्ध नगर के बंबावड़, जगनपुर अफजलपुर, अट्टा गुजरान और कनारसी गांव में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज के बोर्ड लगे हैं। जबकि घोड़ी समेत कई गांवों में राजपूत समुदाय के लोगों ने उन्हें अपना पूर्वज बताते हुए बोर्ड लगाया है। पोस्टर और बैनर का अभियान सिर्फ ग्रेटर नोएडा या जिले तक सीमित नहीं है। यूपी वेस्ट के अन्य जनपदों सहारनपुर, मेरठ, संभल, बिजनौर, मुरादाबाद समेत कई अन्य जनपदों में गुर्जर बहुल गांवों के प्रवेश द्वार पर बोर्ड लगाए गए हैं। यहां यहां तक कि राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश के कई जनपदों के गांव में भी निवासियों ने भी बोर्ड लगाए हैं। इन पर सम्राट मिहिर भोज के आगे गुर्जर शब्द लिखा गया है।
राजनीतिक लाभ की कोशिश
उत्तर प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। ऐसे में सम्राट मिहिर भोज के नाम के आगे गुर्जर शब्द लिखने-मिटाने के मुद्दे पर विपक्षी दल एकजुट हैं। खास तौर पर भारतीय जनता पार्टी के गुर्जर नेताओं पर प्रहार किया जा रहा है। उनसे पार्टी से इस्तीफा देने की मांग की जा रही है। अन्यथा धमकी दी गई है कि अगले चुनाव में उन्हें भुगतना पड़ेगा। गुर्जर समाज एकजुट होकर उनके पूर्वज मिहिर भोज का अपमान करने वाली पार्टी को सबक सिखाएगा। विपक्षी पार्टियां समाज के इस ऐलान से उत्साह में है।