कोरोना से ठीक होने वाले मासूमों में नई बीमारी का खतरा बढ़ा, ग्रेटर नोएडा जिम्स में एक बच्ची का इलाज जारी

चिंताजनक: कोरोना से ठीक होने वाले मासूमों में नई बीमारी का खतरा बढ़ा, ग्रेटर नोएडा जिम्स में एक बच्ची का इलाज जारी

कोरोना से ठीक होने वाले मासूमों में नई बीमारी का खतरा बढ़ा, ग्रेटर नोएडा जिम्स में एक बच्ची का इलाज जारी

Google Image | ग्रेटर नोएडा जिम्स में एक बच्ची का इलाज जारी

  • कोविड से ठीक होने के बाद 19 साल से कम उम्र के बच्चों को मल्टी सिस्टम इंफ्लामेटरी सिड्रोम (एमआईएस-सी) बीमारी घेर रही है
  • कोविड के बाद बच्चों में ये लक्षण 3-6 सप्ताह में दिख रहे हैं
  • जिले में ऐसे 6 मरीज सामने आ चुके हैं
  • पोस्ट कोविड बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखें तो डॉक्टर की सलाह लेकर तुरंत इलाज शुरू कराएं
कोरोना वायरस महामारी को मात देने के बाद भी बीमारियों की जकड़ बढ़ती जा रही है। कुछ वक्त से ब्लैक-व्हाइट और येलो फंगस के मरीज मिल रहे हैं। अब कोविड से ठीक होने के बाद 19 साल से कम उम्र के बच्चों को मल्टी सिस्टम इंफ्लामेटरी सिड्रोम (एमआईएस-सी) बीमारी घेर रही है। कोविड के बाद बच्चों में ये लक्षण 3-6 सप्ताह में दिख रहे हैं। इसमें बच्चों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द, आंखें लाल होना, शरीर पर लाल निशान, हाथ पैर में सूजन, सुस्ती, व्यवहार में बदलाव, थकान और सांस लेने में दिक्कत होती है। जिले में ऐसे 6 मरीज सामने आ चुके हैं। अगर पोस्ट कोविड बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखें तो डॉक्टर की सलाह लेकर तुरंत इलाज शुरू कराएं।

राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के निदेशक व बालरोग विशेषज्ञ (ब्रिगेडियर) डॉ. राकेश कुमार गुप्ता व डॉ. सुजॉय मुखोपाध्याय ने बताया कि कोविड के बाद 19 साल से कम उम्र के बच्चों में ये बीमारी देखी जा रही है। जितने बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए, उनमें से 0.18 प्रतिशत बच्चों में एमआईएस-सी बीमारी पाई गई है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बच्चों के फेफड़े, हृदय, किडनी, दिमाग, त्वचा, आंख, पेट के अंदर हिस्सों में सूजन आ सकती है। अगर बीमारी ने गंभीर रूप लिया तो किडनी और फेफड़े काम करना बंद हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बीमारी को रोका जा सकता है। माता-पिता सामाजिक दूरी, हाथ धोने और स्वच्छता को अपनाएं। स्वस्थ जीवन शैली का सख्ती से पालन करके कोविड संक्रमण से बच सकते हैं।

जिम्स में पीडिएट्रिक आईसीयू शुरू
डॉ. गुप्ता ने बताया कि एमआईएस-सी से ग्रसित 6 वर्ष की बच्ची का इलाज चल रहा है। उसकी हालात स्थिर है। शुरुआती लक्षण दिखने पर उसे भर्ती किया गया है। अगर बच्चों में ये लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और जांच कराएं। जिम्स में 50 बेड के पीडिएट्रिक आईसीयू की शुरुआत हो गई है। यहां ऐसे बच्चों का इलाज संभव है।

घबराने की जरूरत नहीं
गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि इस बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। एक निजी अस्पताल ने मौखिक तौर पर बताया है कि उनके यहां एमआईएस-सी से ग्रस्त 5 बच्चे भर्ती हैं। उनका इलाज चल रहा है। समय पर जानकारी मिल जाए तो इसका इलाज संभव है। घबराने की जरूरत नहीं है।

इन लक्षणों के मिलने पर रहें सावधान
इस बीमारी में उल्टी, दस्त, पेट दर्द, आंखें लाल होना, शरीर पर लाल निशान, हाथ पैर में सूजन, सुस्ती, व्यवहार में बदलाव, थकान और सांस लेने में दिक्कत होती है। डॉ. गुप्ता के मुताबिक, फेफड़े, हृदय, किडनी, दिमाग, त्वचा, आंख, पेट के अंदर हिस्सों में सूजन आ सकती है। जिम्स के निदेशक डॉ. गुप्ता ने बताया कि लक्षण आने पर सीबीसी, सीआरपी, ईएसआर, पीसीटी, डी-डाइमर की जांच कराएं।

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