ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामला: दूसरे दौर की बातचीत बेनतीजा, बुधवार को आलोक टण्डन के साथ बैठक होगी, धरना जारी

BIG BREAKING : ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामला: दूसरे दौर की बातचीत बेनतीजा, बुधवार को आलोक टण्डन के साथ बैठक होगी, धरना जारी

ग्रेटर नोएडा लीजबैक मामला: दूसरे दौर की बातचीत बेनतीजा, बुधवार को आलोक टण्डन के साथ बैठक होगी, धरना जारी

Tricity Today | दूसरे दौर की बातचीत बेनतीजा

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठे किसानों और अफसरों की दूसरे दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही है। अब बुधवार को प्राधिकरण बोर्ड के सदस्यों और उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (औद्योगिक विकास) आलोक टंडन के साथ किसानों की तीसरे दौर की वार्ता होगी। वार्ता का समय अभी तय नहीं किया गया है। कुल मिलाकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की रिपोर्ट को खारिज करने और धरना समाप्त करने के मुद्दों पर गतिरोध बना हुआ है। दूसरे दौर की बातचीत में किसानों ने एसआईटी की रिपोर्ट को खारिज करने की मांग की। जिस पर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी नरेंद्र भूषण ने शासन के आदेशों का हवाला देते हुए असमर्थता जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह फैसला शासन स्तर पर ही हो सकता है। दूसरी ओर किसानों ने धरना समाप्त करने की अपील को मानने से इनकार कर दिया। कुल मिलाकर किसानों का धरना अभी जारी रहेगा।

किसान सेवा संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने बताया, "दूसरे दौर की बातचीत करीब 3 घंटे चली है। इस दौरान विकास प्राधिकरण की खामियों, भूमि अधिग्रहण और लीजबैक से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई है। सीईओ, पुलिस कमिश्नर और डीएम ने धरना समाप्त करने की अपील की। हमने एक बार फिर साफ कर दिया है कि जब तक एसआईटी की रिपोर्ट खारिज नहीं कर दी जाएगी, तब तक धरना समाप्त नहीं किया जा सकता है।" मनवीर ने आगे कहा, "सीईओ नरेंद्र भूषण ने एसआईटी की रिपोर्ट पर फैसला शासन स्तर पर ही होने की बात कही है। इस पर हमने कहा कि शासन से बात करें। जब एसआईटी की रिपोर्ट खारिज हो जाएगी तो हम धरना समाप्त कर देंगे।" 

आलोक टंडन से मिलेगा पांच किसानों का प्रतिनिधिमंडल : इस पर निर्णय हुआ कि बुधवार को प्राधिकरण बोर्ड की बैठक होगी। बोर्ड के सदस्यों और चेयरमैन आलोक टंडन के साथ किसानों के प्रतिनिधिमंडल की बैठक करवाई जाएगी। इस प्रतिनिधिमंडल में किसानों की ओर से पांच सदस्यों को शामिल किया जाएगा। बातचीत करने के बाद प्रतिनिधिमंडल वापस लौट कर सभी किसानों को पूरी जानकारी देगा। उसके बाद किसान पंचायत करके आगे की रणनीति तय करेंगे। कुल मिलाकर साफ है कि जब तक एसआईटी की रिपोर्ट वापस नहीं ले ली जाएगी। किसान विकास प्राधिकरण के बाहर चल रहा धरना समाप्त नहीं करेंगे।

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