जो स्टील बेलारूस नहीं दे पाया वो हमारे देश का यह राज्य देगा, काम तय समय पर पूरा करने का लक्ष्य

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का असर : जो स्टील बेलारूस नहीं दे पाया वो हमारे देश का यह राज्य देगा, काम तय समय पर पूरा करने का लक्ष्य

जो स्टील बेलारूस नहीं दे पाया वो हमारे देश का यह राज्य देगा, काम तय समय पर पूरा करने का लक्ष्य

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Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण में एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने आज इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि पैसेंजर टर्मिनल के निर्माण में एक बड़ी चुनौती थी विशेष श्रेणी के स्टील की उपलब्धता। यह स्टील बेलारूस से आनी थी, लेकिन वहां से इसकी आपूर्ति में बाधा आ रही थी। उन्होंने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब यह स्टील हमें अपने ही देश के राज्य छत्तीसगढ़ मिल रही है।

समय पर पूरा होगा काम
यह घटनाक्रम न केवल परियोजना के लिए, बल्कि भारत के औद्योगिक क्षमता के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। छत्तीसगढ़ के इस्पात उद्योग ने अंतरराष्ट्रीय मानकों की स्टील का उत्पादन कर दिखाया है कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। इस समस्या के समाधान से परियोजना की समय-सीमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। डॉ. अरुण्व वीर ने आश्वस्त किया, "हम अपने निर्धारित लक्ष्य पर कायम हैं। एयरपोर्ट का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है और हम समय पर इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

अब इस तरह पूरा होगा निर्माण
  1. पांच एयरोब्रिज पहले ही तैयार हो चुके हैं।
  2. अक्टूबर-नवंबर में ट्रायल फ्लाइट्स शुरू होने की संभावना है।
  3. दिसंबर तक घरेलू उड़ानें शुरू करने का लक्ष्य।
  4. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हो गई हैं।
  5. रनवे पर कैट थ्री रिफ्लेक्टर्स जल्द ही लगाए जाएंगे।
इस एयरपोर्ट का आर्थिक महत्व
यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए आर्थिक विकास का एक बड़ा केंद्र बनने जा रही है। स्थानीय व्यापारी संघ के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल ने कहा, "जेवर एयरपोर्ट हमारे क्षेत्र में नए निवेश और रोजगार के अवसर लाएगा। यह हमारे युवाओं के लिए एक वरदान साबित होगा।" जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का एक उदाहरण बन रहा है। छत्तीसगढ़ से स्टील की आपूर्ति ने साबित कर दिया है कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम है। यह परियोजना न केवल देश के विमानन क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगी, बल्कि आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
 

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