दुनिया का सबसे बड़ा ऐरोप्लेन जेवर हवाईअड्डे पर आसानी से उतरेगा, जानिए कितना लम्बा रनवे बनाया जा रहा

Special News : दुनिया का सबसे बड़ा ऐरोप्लेन जेवर हवाईअड्डे पर आसानी से उतरेगा, जानिए कितना लम्बा रनवे बनाया जा रहा

दुनिया का सबसे बड़ा ऐरोप्लेन जेवर हवाईअड्डे पर आसानी से उतरेगा, जानिए कितना लम्बा रनवे बनाया जा रहा

Tricity Today | जेवर एयरपोर्ट पर खास खबर

Jewar Airport News : जेवर में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (Noida International Airport) पर दुनिया के सबसे बड़े हवाई जहाज आसानी से उतर सकेंगे। हवाईअड्डे के डेवलपमेंट प्लान में रनवे के विकास से जुड़ी पूरी जानकारी दी गई है। जिसमें बताया गया है कि यहां 3,900 मीटर लंबा रनवे बनाया जाएगा। जिस पर दुनिया के किसी भी जहाज को उतारा जा सकेगा। बड़ी बात यह है कि देश के तीन और हवाईअड्डों पर इससे लंबे रनवे मौजूद हैं, लेकिन एविएशन की दुनिया में नई तकनीक आ रही हैं। जिनकी बदौलत बड़े से बड़े हवाई जहाज को सीमित लंबाई वाले रनवे पर उतारा जा सकता है। इन तकनीकों के मामले में जेवर हवाईअड्डा समृद्ध होगा। आपको बता दें कि जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के डेवलपमेंट प्लान को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक उड्डयन विभाग, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के बोर्ड और यमुना अथॉरिटी के बोर्ड ने मंजूरी दे दी हैं। अगले महीने रनवे का निर्माण शुरू किया जाएगा।

यह है दुनिया का सबसे बड़ा एरोप्लेन
आपको बता दें कि इस समय दुनिया का सबसे बड़ा एरोप्लेन A380-800 है। इस हवाई जहाज को दुनिया के सबसे बड़ा यात्री विमान होने का गौरव प्राप्त है। इस हवाई जहाज में एक साथ 850 यात्री सफर कर सकते हैं। यह एयरबेस फ्रांस में बनाया गया था। एक और बड़ी बात है कि इससे पहले भी एक सबसे बड़ा हवाई जहाज था। जिसको दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज कहा जाता था, लेकिन वह एक हवाई हमले में जलकर राख हो गया। इस हवाई जहाज का नाम एंटोनोव एएन-225 था, जो यूक्रेन देश के पास था। रूस-यूक्रेन युद्ध में यह जलकर राख हो गया। इस हवाई जहाज ने 1980 में पहली उड़ान भरी थी। यह हवाई जहाज 2016 में पहली बार हैदराबाद में स्थित राजीव गांधी एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था। यह हवाई जहाज कुल मिलाकर 640 टन वजन के साथ उड़ सकता है।

75 मीटर चौड़े पंख वाले विमान भी उतर सकेंगे
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की विकास योजना पर मुहर लगने के बाद अगले महीने से काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि मई महीने के दूसरे सप्ताह में रनवे और टर्मिनल भवन बनाने का काम शुरू हो जाएगा। नोएडा हवाई अड्डे पर 75 मीटर चौड़े पंख वाले विमान भी उतर सकेंगे। इसके अलावा एक और खास बात है कि यात्रियों को किसी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसके लिए योजना विकास के मुताबिक 3 टैक्सी-वे बनाए जाएंगे। जिससे यात्रियों को काफी ज्यादा पैदल ना चलना पड़े।

5,730 करोड़ रुपए की लागत आएगी
बुधवार को बैठक के दौरान यह बताया गया कि पहले रनवे निर्माण के दौरान करीब 5,730 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के रनवे बनाने को लेकर 28 अप्रैल तक कंपनी का चयन किया जाना होगा। इसको लेकर काफी कंपनियों ने आगे बढ़कर हिस्सा लेने की मांग की है। हालांकि अभी तक फाइनल मुहर नहीं लग पाई है कि किस एजेंसी को रनवे बनाने की जिम्मेदारी मिलेगी।

दुनिया के सबसे बड़े हवाई जहाज जेवर में उतर सकेंगे
अभी दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज बोइंग 777 है। इस एरोप्लेन की लंबाई 64 मीटर है। दोनों ओर के पंखों की चौड़ाई 61 मीटर होती है। जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर 75 मीटर पंखों की चौड़ाई वाले हवाई जहाज उतारे जा सकेंगे। आपको एक जानकारी और दे दें। दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज एंटोनोव 225 रूस-यूक्रेन युद्ध में नष्ट हो गया है। इसकी भार वहन क्षमता 254 टन थी। यान की लंबाई 84 मीटर थी। दोनों ओर के पंखों की चौड़ाई 88.4 मीटर थी। इस हवाई जहाज की ऊंचाई 18 मीटर से ज्यादा थी।

टाटा और एलएनटी जैसी कंपनियां काम करने की इच्छुक
जेवर में बन रहा नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा एशिया का दूसरा सबसे बड़ा और दुनिया का चौथे नंबर का हवाईअड्डा होगा। लिहाजा, यह एयरपोर्ट बनाने के लिए देशी और विदेशी कंपनियां लाइन में लगी हुई हैं। अगर भारतीय कंपनियों की बात करें तो इसमें टाटा और एलएंडटी समेत तीन कंपनियां शामिल हैं। इन्हीं तीन कंपनियों में किसी एक को काम मिलेगा। आपको बता दें कि सितंबर 2024 तक हर हाल में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से उड़ान शुरू करनी हैं। अगर कंपनी ऐसा नहीं कर पाई तो उस पर प्रतिदिन जुर्माना लगाया जाएगा।

भारत के टॉप 10 एयरपोर्ट के रनवे की लम्बाई
  1. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, नई दिल्ली : 4,430 मीटर
  2. राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद : 4,260 मीटर
  3. बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, बेंगलुरु : 4,120 मीटर
  4. चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, चेन्नई : 3,658 मीटर
  5. नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता : 3,627 मीटर
  6. सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अहमदाबाद : 3,599 मीटर
  7. छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, मुंबई : 3,445 मीटर
  8. कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोच्चि : 3,400 मीटर
  9. श्री गुरु राम दास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, अमृतसर : 3,289 मीटर 
  10. त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, तिरुवनंतपुरम : 3,400 मीटर

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