Greater Noida News : अखिल भारतीय किसान सभा ने 14 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट सूरजपुर पर बड़े पैमाने पर महापड़ाव का ऐलान किया है। यह महापड़ाव नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसानों की मांगों को लेकर होगा। जिसमें मुख्य रूप से हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को सार्वजनिक करने, 10 प्रतिशत प्लॉट आवंटन, नए कानून को लागू करने और आबादियों से जुड़े अन्य मुद्दों पर जोर दिया जाएगा। इस महापड़ाव की तैयारी के लिए किसान सभा ने गांव-गांव जन चेतना यात्रा निकालने का फैसला किया है। जिसकी शुरुआत शनिवार से की जाएगी।
जिला कार्यालय जैतपुर पर होगी बैठक
किसान सभा के जिला कार्यालय जैतपुर पर गुरुवार को एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें आंदोलन की रणनीति तय की गई। बैठक की अध्यक्षता किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ.रुपेश वर्मा ने की और संचालन महासचिव जगबीर नंबरदार ने किया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जन चेतना यात्रा हर रोज पांच गांवों में निकाली जाएगी। जिसमें किसानों को जागरूक किया जाएगा और रात्रि प्रवास के जरिए व्यापक जन संपर्क अभियान चलाया जाएगा। इस यात्रा की शुरुआत हेबतपुर, ईटेडा, छोटी मिलक, रोजा और पतवारी गांव से होगी।
हाई पावर कमेटी पर फिर सवाल खड़े
जन चेतना यात्रा के संयोजक शिशांत भाटी ने बैठक में बताया कि यह आंदोलन अब अपने तीसरे चरण में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने कहा, "दूसरे चरण के दौरान किसानों के दबाव में सरकार को हाई पावर कमेटी का गठन करना पड़ा था। कमेटी ने 31 अगस्त को अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री को सौंप दी थीं, लेकिन अब तक सरकार ने उन सिफारिशों को सार्वजनिक नहीं किया है। जो किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। 16 सितंबर 2023 को हुए समझौते के अनुसार प्राधिकरण 10% प्लॉट का प्रस्ताव शासन के अनुमोदन के लिए भेज चुका है, लेकिन सिफारिशें अब तक किसानों तक नहीं पहुंची हैं।"
महापड़ाव को प्राधिकरण पर शिफ्ट किया जाएगा
किसान महासचिव जगबीर नंबरदार ने कहा, "महापड़ाव का उद्देश्य किसानों की एकजुटता को प्रदर्शित करना और हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को सार्वजनिक करने का दबाव बनाना है। सिफारिशों के बिना किसानों की मांगों पर ठोस निर्णय लेना संभव नहीं है।" किसान सभा के जिला सचिव संदीप ने बताया कि आंदोलन के पहले दो चरणों की सफलता के बाद अब यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा। जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं। उन्होंने कहा कि 14 अक्टूबर को हजारों की संख्या में किसान कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेंगे और वहीं पक्का मोर्चा बनाते हुए महापड़ाव डालेंगे। अगर कमेटी की सिफारिशें किसानों के पक्ष में नहीं हुईं तो महापड़ाव को प्राधिकरण पर शिफ्ट कर दिया जाएगा।
मौके पर ये किसान मौजूद रहे
इस आंदोलन में भाग लेने वाले प्रमुख नेताओं में सुरेंद्र भाटी, भोजराज रावल, करण सिंह, अजय पाल भाटी, अशोक भाटी, सूले यादव, मुकुल चौहान, सचिन भाटी, संदीप भाटी, अमित नागर, मोनू मुखिया और प्रवीण खारी शामिल रहे। किसानों का यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। 14 अक्टूबर को कलेक्ट्रेट पर होने वाले महापड़ाव से आने वाले दिनों में क्षेत्र के किसानों की आवाज़ और अधिक बुलंद होने की उम्मीद है।