ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में फर्जी नियुक्ति पाने वाले होंगे बाहर, एजेंसियों पर गिरेगी गाज

ट्राईसिटी टुडे की मुहिम रंग लाई : ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में फर्जी नियुक्ति पाने वाले होंगे बाहर, एजेंसियों पर गिरेगी गाज

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में फर्जी नियुक्ति पाने वाले होंगे बाहर, एजेंसियों पर गिरेगी गाज

Tricity Today | फर्जी नियुक्ति मामले में ट्राईसिटी टुडे की मुहिम रंग लाई

Greater Noida : आपके पसंदीदा न्यूज़ पोर्टल ट्राईसिटी टुडे की मुहिम रंग लाई है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में हुए नियुक्ति घोटाले की जांच पूरी हो गई है। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रेरणा शर्मा की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी को सौंप दी है। प्राधिकरण सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक रितु महेश्वरी ने इस मामले में एक्शन आर्डर भी जारी कर दिए हैं। जल्दी ही फर्जी नियुक्तियां हासिल करने वाले कर्मचारी बाहर होंगे। इन कर्मचारियों को जिन एजेंसियों के जरिए नौकरियां बांटी गई थीं, उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। आपको बता दें कि ट्राईसिटी टुडे ने ही प्राधिकरण में प्लेसमेंट और संविदा के आधार पर फर्जीवाड़ा करके भर्ती किए गए कर्मचारियों का मुद्दा उठाया था।

क्या है मामला
बादलपुर गांव के रहने वाले राजेंद्र सिंह ने करीब 4 महीने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भेजा था। मेरठ के रहने वाले नीलकमल ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। प्राधिकरण में नौकरी के लिए आवेदन करने वाले युवक आकाश त्यागी ने भी मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। राजेंद्र सिंह ने बताया था कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में 70 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है।  इनमें 35 लोगों की भर्ती प्लेसमेंट पर एजेंसियों के माध्यम से की गई है और 35 लोगों की भर्ती संविदा के आधार पर की गई है। राजेंद्र सिंह, नीलकमल और आकाश त्यागी की शिकायतों के आधार पर ट्राईसिटी टुडे ने इस मामले में छानबीन की। जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

जमकर हुआ भाई भतीजावाद
प्राधिकरण में तैनात अफसरों और कर्मचारियों ने गुपचुप तरीके से अपने बेटे, बेटियों, भतीजे, बहू, सालों और रिश्तेदारों को मनमाने ढंग से नौकरियां बांट दीं। अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कई अफसरों के तो दो-दो बेटे और भतीजों को नौकरियां दी गई हैं। एक परिवार में 10 सदस्यों को प्राधिकरण में नौकरियां दे दी गईं। ट्राईसिटी टुडे में लगातार प्रकाशित हो रहे समाचारों पर शासन ने संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को जांच करके दो कार्य दिवस में रिपोर्ट मांगी। 

सीईओ ने समिति बनाई
इसके बाद सीईओ रितु माहेश्वरी ने एसीईओ प्रेरणा शर्मा की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया। इस समिति में तीन एसीईओ शामिल किए। अब प्रेरणा शर्मा की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी को सौंप दी है। आपको बता दें कि समिति ने करीब 2 सप्ताह पहले अपनी रिपोर्ट सीईओ को सौंपी थी। जिससे सीईओ संतुष्ट नहीं थीं और उन्होंने कई तथ्यों पर समिति से साफ-साफ मंतव्य मांगे। अब प्राधिकरण सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट नए सिरे से सीईओ के पास पहुंच गई है। 

जल्दी बर्खास्तगी होगी
सीईओ ने गलत ढंग से भर्ती किए गए कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया है। जिन एजेंसियों ने घालमेल करके इन कर्मचारियों को प्राधिकरण में भर्ती करवाया, उन्हें 2 वर्षों के लिए काली सूची में डालने का आदेश दिया है। भर्ती के लिए जिम्मेदार अफसरों की भूमिका भी तय की जाएगी। ऐसे अफसरों पर भी कार्यवाही होगी।

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