तीन सगे भाई-बहनों की गई जान, परिवार में मचा कोहराम

ग्रेटर नोएडा में घोड़ी चढ़ने से पहले उठी अर्थियां : तीन सगे भाई-बहनों की गई जान, परिवार में मचा कोहराम

 तीन सगे भाई-बहनों की गई जान, परिवार में मचा कोहराम

Tricity Today | मृतकों का फाइल फोटो

Greater Noida : परी चौक के पास वाहन की टक्कर लगने से एक बाइक पर सवार होकर घर जा रहे तीन भाई-बहनों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, इस हादसे में एक अन्य युवती घायल हो गई, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। सभी शादी समारोह से लौट रहे थे। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी चालक की तलाश शुरू कर दी है। चारों ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर एक बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। तीनों बच्चों की चिताएं एक साथ जलने पर पूरे गांव में कोहराम मच गया। बड़ी बेटे की शादी भी होने वाली थी, लेकिन शायद नियति को यह मंजूर नहीं था। 


ट्रैफिक नियमों के विरुद्ध जाकर चला रहे थे बाइक 
बाइक चला रहे सुरेंद्र सिंह ने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन बाइक पर बैठी शैली, अंशू और सिम्मी ने हेलमेट नहीं पहन रखा था। पुलिस का कहना है कि जो हादसा हुआ है, उसके लिए कुछ हद तक दो पहिया वाहन पर क्षमता से अधिक लोगों का बैठना भी जिम्मेदार है। क्योंकि इससे वाहन को नियंत्रण करने में परेशानी होती है। श्मशान घाट पर शुक्रवार की शाम सुरेंद्र सिंह, शैली और अंशू की चिताएं एक साथ जलीं तो वहां मौजूद लोगों की आंखें छलक उठीं। पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने किसी तरह परिजनों को संभाला। तीन बच्चों के जाने से बीच-बीच में शैली की मां की तबीयत खराब होती रही। पिता शिव सिंह भी बेहोश हो गए।

कब और कैसे हुई घटना 
कुलेसरा निवासी शिव सिंह ने बताया कि उनके दो बेटे और दो बेटियां थीं। उनका बड़ा बेटा सुरेंद्र सिंह अपनी 26 वर्षीय बहन शैली, 14 वर्षीय बहन अंशू और उसकी सहेली सिम्मी के साथ बाइक से कासना गया था। कासना में सुरेंद्र सिंह की मौसी के बेटे की शादी थी। शादी में शामिल होने के बाद चारों बाइक से कुलेसरा लौट रहे थे।परी चौक के पास सड़क पर स्पीड ब्रेकर पर ब्रेक लेने पर किसी अज्ञात वाहन ने पीछे से उनकी बाइक में टक्कर मार दी। अस्पताल में डॉक्टरों ने सुरेंद्र सिंह और उसकी दोनों बहन (शैली व अंशु) को मृत घोषित कर दिया। घायल अंशु की सहेली सिम्मी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उसका एक पैर बुरी तरह कुचल गया है, जिसे काटना पड़ सकता है।

दो बच्चे करते थे नौकरी, एक दसवीं की छात्रा
परिजनों के मुताबिक सुरेंद्र सिंह और उसकी बहन शैली नोएडा फेज-2 की कंपनियों में नौकरी करते थे। उनकी छोटी बहन अंशु कक्षा दसवीं की छात्रा थी। परिवार में माता-पिता के अलावा इकलौता बेटा बचा है। परिजनों के मुताबिक सुरेंद्र की दिसंबर में शादी होने थी। शादी को लेकर घर में तैयारी शुरू हो गई थी। बहनों में भी भाई की शादी को लेकर खुशी थी। शिव सिंह के तीन नौजवान बेटे-बेटियों की मौत के बाद से परिवार में चीख पुकार मच गई। शुक्रवार की देर शाम तीनों के शवों का अंतिम संस्कार हुआ।

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