चार मरीजों के तीमारदारों ने ब्लैंक फंगस की दवाई के लिए दिया आवेदन, करना होगा इंतजार

गौतमबुद्ध नगर : चार मरीजों के तीमारदारों ने ब्लैंक फंगस की दवाई के लिए दिया आवेदन, करना होगा इंतजार

चार मरीजों के तीमारदारों ने ब्लैंक फंगस की दवाई के लिए दिया आवेदन, करना होगा इंतजार

Google Image | चार मरीजों के तीमारदारों ने ब्लैंक फंगस की दवाई के लिए दिया आवेदन

कोरोना के बाद जानलेवा ब्लैक फंगक के मामले गौतमबुद्ध नगर में भी बढ़ रहे हैं। हालांकि जिला स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस पर नजर बनाए हुए है। जनपद गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ ने बताया है कि जनपद में अब तक ब्लैक फंगस बीमारी से संक्रमित 21 मरीज मिले हैं। उनका जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। डॉ दीपक ओहरी ने बताया कि जिले में इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है। यहां के विभिन्न निजी अस्पतालों में उपचार के दौरान चार लोगों की ब्लैक फंगस से मौत की खबरों का सीएमओ ने खंडन किया है।

उन्होंने बताया कि अब तक स्वास्थ्य विभाग के पास इसकी कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार के लिए दवाइयों की कोई कमी नहीं है। शासन स्तर पर ब्लैक फंगस की दवाई मेरठ पहुंच चुकी है। जल्द ही जिले में भी दवाई पहुंचने की संभावना है। ओहरी ने बताया कि जब तक दवाई जनपद में नहीं पहुंच जाती, तब तक मंडलायुक्त स्तर पर गठित टीम सत्यापन के बाद मरीजों के तीमारदारों को दवाई दे रही है।

चार मरीजों के परिजनों ने दिया आवेदन
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती चार मरीजों के परिजन ने दवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग को आवेदन दिया था। चारों को दवाई लिखकर मेरठ से इसे लाने के लिए कहा गया है। डॉ ओहरी ने बताया कि इमलसीफाइड इंजेक्शन की कीमत 1500 रुपये रखी गई है। जबकि लाइफोसोमल अम्फोट्रिसिन-बी इंजेक्शन 6000 रुपये प्रति खुराक मिलेगी। जानकारी देते हुए सीएमओ ने बताया कि ब्लैक फंगस बीमारी का इलाज कई माह तक चल सकता है।

दो डॉक्टरों को सौंपी गई जिम्मेदारी
गौतमबुद्ध नगर मे अब ब्लैक फंगस की दवाई व इंजेक्शन के लिए तीमारदारों को ज्यादा चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सीएमओ ने बताया कि यूपी सरकार ने मेरठ में दवाई व इंजेक्शन की व्यवस्था कर दी है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने दो डॉक्टरों की टीम नियुक्त की है। दो सीनियर डॉक्टर डॉ चंदन सोनी व डॉ मांगलिक को इसके वितरण की जिम्मेदारी दी गई है। दवा लेने के लिए मरीजों को हिस्टोपैथोलॉजी की रिपोर्ट, दवाई का प्रिस्क्रिप्शन व आधार कार्ड की कॉपी देना अनिवार्य होगा। 

मेरठ से सीधे मरीज तक पहुंचेगी दवा
उसके बाद ये डॉक्टर मरीजों की जानकारी मेरठ में अपर निदेशक को भेजेंगे। उसके बाद  वहां से दवाई सीधे मरीज तक अस्पताल में पहुंचा दी जाएगी। सीएमओ ने बताया अब ब्लैक फंगस की दवाई व इंजेक्शन आ रही है। हमारी कोशिश है कि ब्लैक फंगस से पीड़ित हर मरीज को बेहतर इलाज मिले। उसकी दवाइयां वक्त पर उसे मिल जाएंगे। इस प्रक्रिया को और सरल बनाने की कवायद चल रही है। दरअसल ब्लैक फंगस की दवा मंडल पर उपलब्ध कराने का फैसला योगी आदित्यनाथ सरकार ने लिया था। इसके पीछे वजह यह थी कि इससे इन दवाइयों की कालाबाजारी पर लगाम लगेगी।

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