गलगोटिया यूनिवर्सिटी में खिलौनों को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुआ टॉयकेथोन, 8 राज्यों की 42 टीमों ने लिया हिस्सा

ग्रेटर नोएडा : गलगोटिया यूनिवर्सिटी में खिलौनों को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुआ टॉयकेथोन, 8 राज्यों की 42 टीमों ने लिया हिस्सा

गलगोटिया यूनिवर्सिटी में खिलौनों को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुआ टॉयकेथोन, 8 राज्यों की 42 टीमों ने लिया हिस्सा

Tricity Today | गलगोटिया यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ टॉयकेथोन

Greater Noida News : गलगोटिया विश्वविद्यालय में बुद्धवार को तीन दिवसीय टॉयकैथॉन-2022 प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सलाहकार प्रो राजेन्द्र बी काकडे और विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा मंत्रालय (इनोवेशन सैल) के सदस्य पंकज पांडेय, अरिन्दम मण्डल ने भाग लेकर सभी प्रतिभागी छात्रों को सम्बोधित किया। 

"पहले खिलौने बिना आवाज़ के होते थे"
प्रो बी काकडे ने कहा कि एक समय था जब हम घर में ही खिलौना बना कर खेलते थे। उस समय के खिलौने बिना आवाज़ के होते थे और ज़्यादातर वो लकड़ी के ही बने होते थे, लेकिन आज इस आधुनिक और इनोवेशन के दौर में बोलते और हसते हुए खिलौने बन रहे हैं। भारत सरकार का प्रयास है कि ऐसे खिलौने बनाये जाए जो हमारी संस्कृति के साथ-साथ हमारे महापुरुषों के जीवन के बारे में बच्चों को जानकारी दी। पंकज पांडेय ने कहा कि टॉयकैथोन  प्रधानमंत्री के सपने का वह परिणाम है जो कि भारतीय खिलौनों के विकास में नए से नए आयामों की स्थापना करने जा रहा है। 

इन 8 राज्यों के इतने बच्चे लेगे भाग
अरिन्दम मण्डल ने कहा कि खिलौनों का बाजार विश्व स्तर पर इकॉनॉमि को प्रभावित करता है। खिलौने मात्र खिलौने ही नहीं हैं। ये जीवन में मुस्कान भरते हैं। टॉयकैथोन वो अवसर है जो आपके जीवन को बचपन में लेकर जाएगा। इस प्रतियोगिता में महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उडीसा, आन्द्रप्रदेश, मणिपुर, केरला, उत्तराखण्ड सहित देश के आठ राज्यों के शिक्षण संस्थानों की 42 टीम भाग ले रही है। भाग ले रहे 250 छात्र देश में खिलौने बनाने की तकनीक को और मजबूत और सुगम बनाने पर लगातार अगले 72 घण्टे तक कार्य करेंगें। इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक भारतीय खिलौनों की खोजना करना और उन्हें नया स्वरूप देना है। 

ध्रुव गलगोटिया ने की ऐसे भारत की कामना
यह टॉयकैथॉन प्रतियोगिता शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के इनोवेशन सेल के संरक्षण में आयोजित की जा रही है। भारत सरकार ने "आत्मनिर्भर भारत अभियान" के तहत टॉयकैथॉन 2022 की पूरे भारत में नवीन खिलौनों और खेल के विचारों को बढ़ावा देने के लिए एक अवसर के रूप में शुरूआत की है। इस प्रतियोगिता को आयोजित कर गलगोटिया विश्विद्यालय आत्मनिर्भर भारत अभियान में अपना एक बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। गलगोटिया विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि मैं टॉयकैथॉन के प्रतिभागियों के लिए एक ऐसे आयोजन की कामना करता हूं जो भारतीय संस्कृति, भारतीय लोकाचार और समृद्ध सभ्यता को नवीन डिजिटल और कागज आधारित खिलौनों के रूप में सामने लाए और दुनिया के हर हिस्से में खिलौनों के रूप में हमारी संस्कृति को भेजे।

कार्यक्रम की रूपरेखा को तैयार करने में इन लोगों की रही महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होंने कहा की मुझे यकीन है कि अगले 3 दिन इनोवेशन और एक्शन से भरपूर होंगे। और प्रत्येक प्रतिभागी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। खिलौनों के जगत में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की रूपरेखा को तैयार करने में एआईसीटी के चैयरमैन अनिल सहस्रबुद्धे, शिक्षा मंत्रालय में इनोवेशन शैल के निदेशक डा मोहित गम्भीर और चीफ इनोवेशन ऑफिसर अनिल जेरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम विश्वविद्यालय की कुलपति डा प्रीति बजाज के संरक्षण में किया जा रहा है और गलगोटिया विश्वविद्यालय उनके निर्देशन में नवाचार और तकनीकी के क्षेत्र में निरन्तर उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है।

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