Greater Noida : तुस्याना भूमि घोटाला 176 बीघा जमीन तक ही सीमित नहीं है। तुस्याना गांव की 1200 बीघा सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से खरीद-फरोख्त कर बेच डाला और कई सौ बिघा जमीन का मुआवजा भी उठा लिया गया है।
कई लोग लपेटें में आएंगे
इस मामले में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ से लेकर ड्राफ्टमैन तक 13 अधिकारी शामिल बताए जा रहे है। वहीं, एडीएम लैंड समेत उनके विभाग के 6 बाबू और तहसील दादरी के कई अधिकारी भी लपेटे में आ सकते हैं। कैसे हुआ करोड़ों का घोटाला
दादरी तहसील के अधिकारियों ने इस जमीन का अमल दरामद किया है। फर्जी तरीके से लोगों के नाम खसरा-खतौनी में दर्ज किए है। राजेंद्र सिंह मकोडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व जीएम रविंद्र तोंगड समेत इस पूरे सिडिकेट ने तुस्याना गांव के खसरा संख्या 987, 1104, 1105, 1106 और रकबा 175 बीघा सरकारी ग्राम समाज की जमीन का मुआवजा उठाया। खसरा नंबर 987 में रकबा 16 बीघा से अधिक जमीन पुख्ता बंजर दर्ज थी।
उठाया मोटा मुआवजा
राजेंद्र सिंह ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी से श्वेता पत्नी पत्नी मनोज पुत्र राजेन्द्र, मधु सिंह पुत्री जीएस कंबोज पत्नी दीपक पुत्र राजेंद्र सिंह ने न्यायालय को धौखा देकर 30 दिसंबर सन 1998 को मुआवजा उठा लिया। इसके बाद अथॉरिटी से जमीन का 6 प्रतिशत आबादी का प्लॉट तुस्याना से उठाकर नॉलेज पार्क-1 में मैन कासना-सूरजपुर रोड पर लगवा दिया। जिस जमीन पर प्लॉट लगाया, वह जमीन पहले से नर्सरी के लिए अलॉट थी।
हाईकोर्ट पहुंचे आरोपी
तुस्याना भूमि घोटाले में फिलहाल 3 लोग जेल में बंद है। जबकि, असली मास्टरमांइड राजेंद्र सिंह मकोड़ा, पूर्व जीएम ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी रविद्र तोंगड समेत अन्य आरोपी फरार है। पता चला है कि हाईकोर्ट में जमानत की जुगाड़ में लगे हुए है।