दो दिवसीय 'किसान चिंतन शिविर' का आयोजन, भूमि अधिग्रहण और एमएसपी गारंटी पर चर्चा

Greater Noida : दो दिवसीय 'किसान चिंतन शिविर' का आयोजन, भूमि अधिग्रहण और एमएसपी गारंटी पर चर्चा

दो दिवसीय 'किसान चिंतन शिविर' का आयोजन, भूमि अधिग्रहण और एमएसपी गारंटी पर चर्चा

Tricity Today | Greater Noida

Greater Noida News : अखिल भारतीय गुर्जर संस्कृति शोध संस्थान "राष्ट्रीय किसान समन्वय समूह" द्वारा आयोजित दो दिवसीय "किसान चिंतन शिविर" का शुभारंभ हुआ। इस शिविर का उद्देश्य किसानों से जुड़े मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श करना और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए ठोस रणनीतियां तैयार करना है। देशभर से किसान नेता इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। किसानों के मुद्दे भूमि अधिग्रहण, मुआवजा, रोजगार, पुनर्वास और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) गारंटी कानून जैसे ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।

पंचायत राज व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग
शिविर में कई राज्यों से आए किसानों ने अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की शुरुआत में किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को उचित मुआवजे, पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गांवों का सर्किल रेट बाजार मूल्य के अनुसार तय किया जाना चाहिए। जिससे किसानों को उनकी जमीन का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने महाराष्ट्र की तर्ज पर ग्राम सभा कानून बनाए जाने की भी मांग उठाई। जिससे पंचायत राज व्यवस्था को और मजबूत किया जा सके।

होगा बड़ा आंदोलन शुरू
राष्ट्रीय किसान समन्वय समूह के संयोजक दशरथ कुमार ने ग्राम सभा कानून को वास्तविक ग्राम स्वराज की बहाली के लिए आवश्यक बताया। जय जवान जय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक सुनील फौजी एडवोकेट ने चेतावनी दी कि यदि सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। उनके अनुसार किसान समुदाय अब अपने अधिकारों के प्रति जागरूक है और किसी भी प्रकार की अनदेखी बर्दाश्त नहीं करेगा।

इन मुख्य किसान संघठनों ने लिया हिस्सा
इस शिविर में छत्तीसगढ़ के किसान नेता पारसनाथ साहू, हरियाणा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डीके शर्मा, आगरा के अंशुमन ठाकुर, भाकियू कृषक शक्ति के अध्यक्ष अमन ठाकुर और महाराष्ट्र के बीबी ताटे और पीके चौहान जैसे अन्य प्रमुख किसान नेताओं ने भी अपनी बात रखी। सभी ने एक स्वर में भूमि अधिग्रहण, एमएसपी गारंटी कानून और किसानों के अधिकारों की सुरक्षा की मांग की। शिविर के पहले दिन के सत्र के अंत में यह निर्णय लिया गया कि अगले दिन सभी प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी और इसके बाद एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा। दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जिसमें शिविर में हुए निर्णयों की जानकारी दी जाएगी। 

सरकार के खिलाफ आक्रोश
इस कार्यक्रम में भाकियू अजगर के हरवीर नागर, नरेश चपरगढ़, भारतीय किसान सभा के डॉ. रूपेश शर्मा, बीर सिंह नेताजी, राष्ट्रीय लोक दल के भूपेंद्र चौधरी और अन्य किसान नेता भी उपस्थित थे। किसान चिंतन शिविर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश के किसान अब संगठित होकर अपनी मांगों के लिए संघर्ष करने को तैयार हैं। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है और किसानों की मांगों को किस हद तक स्वीकार करती है।

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