ग्रेटर नोएडा में यूपी का पहला सेमीकंडक्टर पार्क बनेगा

एनसीआर में आईटी इंजीनियरों के लिए बड़ी खबर : ग्रेटर नोएडा में यूपी का पहला सेमीकंडक्टर पार्क बनेगा

ग्रेटर नोएडा में यूपी का पहला सेमीकंडक्टर पार्क बनेगा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा शहर और यमुना अथॉरिटी के लिए अच्छी खबर है। मुंबई के हीरानंदानी ग्रुप ने सेमीकंडक्टर पार्क बनाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी (Yamuna Authority) से 100 एकड़ जमीन मांगी है। यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा कि कंपनी की मांगों पर गौर किया जा रहा है। आपको बता दें कि हीरानंदानी ग्रुप ने ग्रेटर नोएडा में उत्तर प्रदेश का पहला डाटा सेंटर स्थापित किया है। अब कंपनी राज्य का पहला सेमीकंडक्टर पार्क बनाना चाहती है।

दर्शन हीरानंदानी ने यमुना अथॉरिटी को पत्र लिखा
हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को एक पत्र लिखा है। जिसमें यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एक 'सेमीकंडक्टर असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग एंड पैकेजिंग (एटीएमपी) यूनिट' स्थापित करने की कंपनी ने इच्छा व्यक्त की है। दर्शन हीरानंदानी ने कहा, "हम भारतीय सेमीकंडक्टर मिशन के तहत भारत सरकार के पास आवेदन दाखिल कर रहे हैं। हमारा समूह पहले से ही 'योट्टा डेटा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड' नामक कंपनी का संचालन कर रहा है। हमारी डेटा सेंटर डिवीजन यूपी में सफलतापूर्वक काम कर रही है।"

'एयरपोर्ट के पास 100 एकड़ जमीन चाहिए'
दर्शन हीरानंदानी ने आगे बताया, "हम अब यूपी में अपने सेमीकंडक्टर डिवीजन प्रोजेक्ट पर काम करेंगे। यह पायलट प्रोजेक्ट है। हमने अपने सेमीकंडक्टर वर्टिकल को आगे बढ़ाने के लिए 'तारक सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड' को शामिल किया है।" हीरानंदानी के मुताबिक कंपनी को पहले चरण में 2,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद है। जिसे सभी मंजूरी मिलने के बाद 24 महीने के भीतर लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, "हम यमुना अथॉरिटी क्षेत्र में इस सुविधा को स्थापित करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। हम आईएसएम से मंजूरी हासिल करने के बाद भूमि आवंटन और इन्वेस्ट-अप औपचारिकताओं को पूरा करेंगे। अगर यमुना प्राधिकरण जेवर हवाईअड्डे के पास 95-100 एकड़ भूमि दे देगा तो हम आभारी होंगे।"

50 मेगावॉट बिजली और 2 लाख लीटर पानी की मांग
इसके अलावा हीरानंदानी समूह ने यह इकाई चलाने के लिए पहले चरण में प्रति घंटे 2 लाख लीटर पानी की मांग की है। 50 मेगावॉट बिजली के लिए एक बिजली सबस्टेशन मांगा गया है। कंपनी 3 चरणों इस इकाई का विकास करेगी। तब इसे 7,50,000 लीटर पानी हर घंटे चाहिए होगा। यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा कि समूह का प्रस्ताव विचाराधीन है। आपको बता दें कि इससे पहले हीरानंदानी ने यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र में डाटा सेंटर पार्क बनाने के लिए 25 एकड़ जमीन मांगी थी। यूपी के पहले डेटा सेंटर की स्थापना करने के लिए इस समूह को सितंबर 2020 में ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में 20 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। कंपनी की पहली बिल्डिंग का उद्घाटन पिछले साल 31 अक्टूबर 2022 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।

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