Greater Noida News : उत्तर प्रदेश में आरओ-एआरओ व सिपाही भर्ती पेपर लीक कराने वाले गैंग के दस से ज्यादा लोग पकड़े गए थे। पकड़ने जाने के बाद जांच के दौरान कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं। पेपर लीक गिरोह के मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा ने बेरोजगारों को नौकरी का सपना दिखाकर जो करोड़ों रुपये कमाए थे, उससे ग्रेटर नोएडा में छह कंपनियां खड़ी की थीं।
छह कंपनियां तीन साल के भीतर बनाई
राजीव नयन मिश्रा उर्फ राहुल की तीन कंपनियों ने डेढ़ करोड़ रुपये का आईटीसी क्लेम किया था। इस मामले में जब भुगतान के बारे में जवाब मांगा गया तो कोई जवाब नहीं दिया गया। मामले में आरोपी की 1.2 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अटैच कर अन्य संपत्तियों के बारे में जांच तेज की है। ये सभी छह कंपनियां तीन साल के भीतर बनाई गई थीं। सभी कंपनियां एक ही पते पर चल रही थीं।
एक कंपनी के पते अन्य 5 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कराया
छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले पेपर लीक गिरोह के मुखिया ने ग्रेटर नोएडा में सबसे पहले सेमवॉल्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया था। इसी कंपनी के माध्यम से सबसे अधिक लेनदेन किया गया। इसी कंपनी के पते पर ही अन्य 5 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन भी कराया गया। पेपरलीक के मास्टर माइंड राजीव नयन की ग्रेटर नोएडा व दादरी में अचल व बैंक खाते में पड़ा कैश और दो कारों को अटैच किए जाने के बाद अब राजीव नयन की संपत्तियों की तलाश तेज की गई है।